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सीतामढ़ी में रीगा चीनी मिल के अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन जारी

19 वें दिन भी मजदूरों के प्रवेश करने पर रोक


29 मई 2020
विमल किशोर सिंह
(मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय)
सीतामढ़ी/रीगा चीनी मिल के मुख्य द्वार पर शनिवार को भी ताला लटका रहा.मालूम हो कि ताला लटके आज 19 दिन हो गए. रीगा मिल के कर्मचारी दर बदर भटकने पर मजबूर हो गए हैं. इन कर्मचारियों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. ऐसे में मजदूरों के सामने अब भारी भूखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी है.रीगा चीनी मिल के प्रबंधक द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है. रीगा मिल मजदूर सभा के महासचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जबसे आई डी मित्तल ग्रुप के अधिकारी रीगा मिल में आया है तब से चीनी मिल के मालिक ओमप्रकाश धानुका को गुमराह कर कर्मचारियों के विरूद्ध भड़काने का काम कर रहा है. ऐसे में रीगा चीनी मिल के मालिक को यह समझना चाहिए कि दोषी कौन है. उन्होंने बताया कि जो भी अधिकारी रीगा चीनी मिल मे आता है यहां से रूपये लूट कर चला जाता है. पिछले सीजन में ब्यालर के कार्य में भी इंजिनयरों के द्वारा अच्छी रकम की कमाई की गई. जिसकी जांच मिल मालिक को करना चाहिए. सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए शनिवार को एक द्वार सभा आयोजित कर उन्होंने यह बात कही.रीगा चीनी मिल के मजदूर नरेन्द्र सिंह, अमित कुमार, हरिवंश कुमार, रघुनंदन कुंवर, अरुण कुमार, कृष्ण कुमार पूर्वे एवं अन्य ने एक स्वर में कहा कि मिल मालिक के द्वारा यहां के अधिकारियों को वेतन देने के लिए पैसा है और कर्मचारियों को देने के लिए पैसा नहीं है. जब मजदूरों को काम करने से रोका जा रहा है तो अधिकारियों को भी यहां रहने और काम करने का कोई हक नहीं है. प्रबंधन के तरफ से कोई भी अधिकारी वार्ता करने इंकार करते हैं. सरकार को बार बार पत्राचार करने के बाबजूद भी कोई हमलोगों का सुधी लेने नही आया. रीगा चीनी मिल के मालिक का कोई दोष नहीं है सभी दोष यहां के अधिकारियों का है जो मालिक को गुमराह करने का काम करता है.
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