मिथिला हिन्दी न्यूज :-राजद के नवनिर्वाचित विधान पार्षद व बिस्कोमान के चेयरमैन सुनील कुमार सिंह बिहार सरकार पर जानबूझकर भेदभाव करने का आरोप लगाया हैं मामला जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के हितों की है उन्होने कहा कि जब पूरे बिहार में तकरीबन 8400 पैक्स और 534 व्यापार मंडल है तो फिर 3994 पैक्स को ही जन वितरण प्रणाली की दुकान की अनुज्ञप्ति क्यों निर्गत की गई ? श्री सिंह ने कहा कि मैं राज्य के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से सादर अनुरोध करता हूँ कि जाति,पार्टी और धर्म से ऊपर उठकर बगैर किसी भेदभाव के राज्य के सभी पैक्सों एवं व्यापार मंडल को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए अपने वादे के मुताबिक जन वितरण प्रणाली दुकान संचालित करने की अनुज्ञप्ति आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व जारी की जाए। बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि कोरोना काल में बिहार सरकार सभी मोर्चों पर विफल है सरकार और सरकारी अधिकारियों के बीच संमंवय में नाम की कोई चीज नहीं है सरकारी अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं सिर्फ और सिर्फ कागज पर है साधन संपन्न लोगों को घर तक सुविधाएं दी जा रही है पर आम आदमी को देखने वाला कोई नहीं है संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार सिर्फ और सिर्फ वाहवाही लूटने में लगी हुई है चुनावी तैयारियां की जा रही है बाढ़ से भी बिहार के लोग बेहाल हैं भुखमरी की स्थिति है. कुर्सी की राजनीति करने वाले लोगों का सच बिहार की जनता जान चुकी है जितनी भी अनियमितता व व्यवस्था में खामियां हुई है उसका जवाब कौन देगा बिहार के लोग बेमौत मर रहे हैं उसका जवाब कौन देगा लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं सरकार दावे कर रही है पर किसी को भी कोई सहायता नहीं मिल रही इसका जवाब कौन देगा बाढ़ शिव बिहार हुए लोगों को राहत क्यों नहीं मिल पा रही है 15 वर्ष से डबल इंजन की सरकार चलाने वाले लोग बताएं कि बिहार का कितना विकास हुआ कितना उद्योग धंधा लगा कितने लोगों को रोजगार मिला सिर्फ कागजी आंकड़े प्रस्तुत करने से बिहार का विकास संभव नहीं है बिहार की जनता जाग चुकी है जो लोग इस गलतफहमी में है कि वह फिर एक बार लोगों को धोखे में रखकर सत्ता में आ जाएंगे उन्हें बहुत बड़ा झटका लगने वाला है. बिहार की जनता को युवा जागरुक जन नेता के रूप में नया चेहरा तेजस्वी यादव के रूप में मिल चुका है संकट की इस घड़ी में तेजस्वी यादव सड़क पर है बिहार के सुदूर बाढ़ प्रभावित इलाकों में जा रहे हैं लोगों से मिल रहे हैं जहां व्यवस्था में खामी है वहां खड़े हो रहे हैं.