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फिर जगी आस: बनमनखी चीनी मिल फिर से चालू होने की सुगबुगाहट तेज

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज :-तीन दशक पहले पहले बंद हो चुके एशिया के सबसे बड़े बनमनखी चीनी मिल फिर से चालू होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इससे इस इलाके के लाखों लोगों में उम्मीद की किरण जगी है. कंपनी मालिक यहां चीनी के साथ-साथ इथेनाल और विद्युत उत्पादन भी करने की बात कर रहे हैं. जर्जर हो चुके इस चीनी मिल के चालू होने से इलाके के लाखों किसानों समेत हजारों कामगारों को रोजगार मिल सकता है. सोमवार को मंत्री बीमा भारती, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि और अधिकारियों की टीम ने मुंबई (Mumbai) की एक कंपनी के साथ बनमनखी चीनी मिल का सर्वे किया.कंपनी के मालिक लाल बहादुर प्रसाद ने कहा कि उन्हें यह जगह काफी पसंद है. अगर सरकार जल्द भूमि आवंटित कर दे तो वह यहां एक साल के अंदर फैक्ट्री चालू कर देंगे. यहां प्रतिदिन पांच हजार मैट्रिक टन चीनी के उत्पादन के साथ ही तीस मेगावाट बिजली और 60 किलोलीटर इथेनाल का उत्पादन होगा. उन्होंने बताया कि उनके तरफ से सरकार को प्रस्ताव दिया गया है. जैसे ही सरकार उन्हें भूमि आवंटित कर एग्रीमेंट करेगी वे तुरत यहां काम शुरू कर देंगे.इधर, गन्ना उद्योग विकास मंत्री बीमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी उनकी बनमनखी में चीनी मिल खोलने को लेकर बात हुई है. मुम्बई के रेहाजा एण्ड प्रसाद कंपनी से यहां चीनी मिल खोलने का प्रस्ताव आया है. हम लोगों ने स्थल जांच किया है.जमीन संबंधित अड़चन दूर कर जल्द ही इस जमीन को इन्हें आवंटित कर दिया जाएगा. उम्मीद है कि जुलाई में यहां चीनी मिल के लिए भूमि पूजन होगा. मंत्री ने कहा कि यहां चीनी मिल बन जाने से इस इलाके के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. यहां चीनी मिल खुलने से इस इलाके के लाखों किसानों को भी फायदा होगा.बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि बनमनखी चीनी मिल चालू करवाना उनका सपना था. गन्ना उद्योग मंत्री के साथ वियाडा और गन्ना विकास विभाग के अधिकारी के साथ कंपनी के मालिक भी यहां आए हैं. बनमनखी चीनी मिल की 118 एकड जमीन हाल में ही वियाडा को आवंटित कर दिया गया था. अब रेहाजा एण्ड प्रसाद कंपनी यहां चीनी मिल खोलने के लिए इच्छुक है. इन्हें शीघ्र ही जमीन आवंटित करा दिया जाएगा. उम्मीद है कि 2021 में बनमनखी में फिर से चीनी मिल के साथ इथेनाल और विद्युत उत्पादन भी शुरू हो जाएगा.मालूम हो कि 1967 से 1990 तक बनमनखी में चीनी मिल चालू था. कई कारणों की वजह से ये चीनी मिल बन्द हो गई जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे. बनमनखी चीनी मिल शुरू से सभी पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दा बना हुआ था. इस बार चुनाव के समय फिर से चीनी मिल चालू करने की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है.
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