मिथिला हिन्दी न्यूज :- कोरोना वायरस के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए देश भर में किए गए लॉकडाउन के बाद जिस तरह मजदूर अपनी जिंदगी को बचाने के लिए गांव-घरों की तरफ भागे वैसा शायद ही भारत के इतिहास में कभी हुआ हो.देश के लगभग सभी राज्यों में इधर से उधर मजदूरों का पलायन हुआ और अभी भी जारी है. इस पलायन के दौरान कई मजदूरों की रास्ते में मौत भी हो चुकी हैं लेकिन इस बीच मजदूर यूनियनों की कोई मजबूत आवाज़ सामने नहीं आई. इन सबके बीच में फिर से एक बार सबको ध्यान आकर्षित करने वाला सीतामढ़ी के एक नेता नाम है अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मजदूरों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सड़क पर उतर आया है सीतामढ़ी के सड़क पर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मिथिला हिन्दी न्यूज से बात करते हुए कहा की मजदूरों की लचर हालत हैं चुनाव सर पर है पर मजदूरों की समस्या को लेकर कोई भी नेता कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं बस सत्ता पक्ष विपक्ष के पुराने दिनों की याद दिलाने में व्यस्त हैं और विपक्ष अपने परिवार के उन्नति करने में लगा है। कोई मजदूरों की मदद के लिए सामने आ नहीं रहा है। अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने सरकार से मांग की है तत्काल दैनिक मजदूरी 750 रुपये के हिसाब से तय किया जाए। गौर करने वाली बात यह है की इस आंदोलन में छात्र जदयू के प्रदेश सचिव मधुरेंद्र सिंह चौहान भी है। मिथिला हिन्दी न्यूज को मधुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया की ये आंदोलन समाज एक मजदूर वर्ग के लिए है जिसको अजादी से अभी तक जिसको न्याय नहीं मिला। इसे पार्टी पालिटिक्स के एंगल से ना देखें।