मिथिला हिन्दी न्यूज :- युगावतार थे भगवान श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी महाराज उक्त बातें कहीं श्री श्री ठाकुर धाम धर्मपुर बांदे में सोशल डिस्टेंस के साथ शुरू हुए , ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के दो दिवसीय जन्मोत्सव समारोह सह महा अमृत महोत्सव को संबोधित करते हुए डॉ अशोक कुमार पांडेय ने। डॉक्टर पांडे ने स्पष्ट किया कि जब जब धरा धाम पर अत्याचार बढ़ता है हर युग में भगवान का अवतार होता है। जब भारत माता गुलामी की जंजीर में जकड़ी हुई थी और समाज अत्याचार से त्रस्त था। उसी समय 1888 ईस्वी में युग पुरुषोत्तम ठाकुर अनुकूल चंद्र जी का जन्म पावना जिला के हिमायत पुर ग्राम में पिता पंडित शिव चन्द्र चक्रवर्ती एवं माता मनमोहिनी देवी की गोद में हुआ। भगवान कृष्ण की तरह जन्म के साथ ही ठाकुर अनुकूल चंद्र की भी हत्या का बार-बार प्रयास किया गया। लेकिन सभी पर विजय प्राप्त करते हुए ठाकुर अनुकूल चंद्र विख्यात चिकित्सक बनकर समाज सेवा करने लगे। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि देश विभाजन से पूर्व ही अनुकुलचंद्रजी देवघर आकर सत्संग आश्रम की स्थापना कर रहना शुरू कर दिया था। ठाकुर अनुकुलचंद्र की प्रेरणा से ही महात्मा गांधी ने लघु एवं कुटीर उद्योग तथा बुनियादी शिक्षा को देश में लागू कराना शुरू किया था। महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु देशबंधु चितरंजन दास, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता पंडित जानकीनाथ बोस , बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, महेन्द्र झा आजाद आदि महापुरुषों ने ठाकुर अनुकुलचंद्र का शिष्य बन कर अपने जीवन को कृतार्थ किया।जिस प्रकार महात्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल डाकू को महात्मा बना दिया, उसी तरह ठाकुर अनुकूल चंद्र जी ने हजारों किशोरी मोहन जैसे अंगुलिमाल को महात्मा एवं देशभक्त में परिणत कर दिया । वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि ठाकुर अनुकूल चंद्र जी द्वारा लिखित सत्यानुसारण ,आलोचना प्रसंग, इस्लाम प्रसंग, आदि महान ग्रंथों में दिए गए यजन, याजन,ईष्ट भृति, स्वस्त्ययनी, सदाचार, सुविवाह एवं सुप्रजनन जैसे जीवन उपयोगी सिद्धांतों को जीवन में अपनाकर आज भी इंसान भगवान बन सकता है और धरती स्वर्ग से सुंदर बन सकती है।

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