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राखी बांधने का मंत्र, जानें क्यों राखी बांधते समय यह मंत्र बोलना चाहिए

हाथो में कलावा (मोली) या राखी (रक्षा सुत) बांधते समय इन बातो का रखे विशेष ध्यान।


पंकज झा शास्त्री 

मिथिला हिन्दी न्यूज :-बहुत कम लोग जानते होंगे कि जितना ज़रूरी कलावा या राखी बांधना उससे ज्यादा ज़रूरी होता है हाथ पर कलावा या राखी बांधते समय मंत्र उच्चारण। जी हां, ज्योतिष के अनुसार अगर कलावा या राखी बांधते समय एक खास मंत्र का उच्चारण किया जाए तो दोगुना सकारात्मक ऊर्जा मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

आप में से कई लोगों ने देखा भी होगा कि जब हम मंदिर आदि में पुजारी से कलावा बंधवाते हैं तो वो साथ मंत्रोच्चारण करते हैं। परंतु हम उस समय इस मंत्र को समझ नहीं पाते। तो अगर इसे जानना चाहते हैं कि वौ कौन सा मंत्र है तो चलिए हम आपको बताते हैं इस चमत्कारी मंत्र के बारे में जो आपको अनेकों लाभ दिला सकता है।

मंत्र-
" ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल "

बता दें रक्षा सूत्र या मौली बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है। यज्ञ आदि के दौरान इसे बांधने की परंपरा तो पहले से ही रही है, पंरतु संकल्प इसे सूत्र के साथ ही रक्षा-सूत्र के रूप में बांधने की वजह भी है और पौराणिक संबंध भी है।

मौली या रक्षा सुत बांधने के नियम ।

ज्योतिष के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को हमेशा दाएं हाथ में कलावा या रक्षा सुत बांधना चाहिए।
तो वहीं शादीशुदा महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधने चाहिए।

ध्यान रहे कि कलावा या रक्षा सुत बंधवाते समय मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए। साथ ही मोली या रक्षा सुत बंधवाते समय हाथ में श्रद्धानुसार द्रव्य या कोई उपहार या समर्थ न हो तो चिंता की बात नहीं आप हाथ में फूल भी रख सकते है।
खाली हाथ रक्षा सुत या मोली नहीं बंधवाना उचित नहीं।
रखा सुत या मोली बांधने के बाद अपने हाथ में रखे द्रव्य या उपहार या फूल को उन्हें दे दे जो आपके हाथों में कलावा या रक्षा सुत बांधा है।

यदि रक्षा सुत बांधने वाले/वाली छोटे हो तो उन्हें आशीर्वाद दे यदि बड़े या पूजनीय हो तो उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे।

साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखें कि मौली कहीं पर भी बांधें इसे केवल 3 बार ही लपेटें।
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