मिथिला हिन्दी न्यूज :-बिहार की राजधानी पटना और पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सर के तरह सबसे उंची बिल्डिंग विस्कोमान भवन, जिसके उपरी तल्ले से पटना का दिदार करने का आनंद हीं कुछ अलग है। इसी बिल्डिंग में बैठकर बिहार के डेढ़ दशक से मुख्यमंत्री पद संभाले नीतीश कुमार को लगातार चुनौती दे रहे हैं डॉ सुनील कुमार सिंह। सुनील कुमार सिंह बिहार हीं नहीं, बल्कि देश के सहकारिता आंदोलन के पुरोधा रहे स्व तपेश्वर सिंह और स्व अजीत कुमार सिंह के करीबी रिश्तेदार हैं। हालांकि कि समय समय पर दोनों परिवार के बीच राजनीतिक मतभेद की बात भी सामने आते रही है।
नीतीश जब 2005 में बिहार की बागडोर संभाले थे, उसके बाद से ही बिहार सहकारिता व पटना की शान इस आलिशान विस्कोमान भवन से सुनील को परोक्ष रूप से बेदखल करने का बहुत प्रयास किया। लेकिन सुनील ने कभी हार नहीं मानी और पिछले पन्द्रह वर्षों से बिहार में प्रतिपक्ष राजद के साथ खड़े रहकर के नीतीश-सुमो के विरोध में आग उगलते रहे। हाल हीं में राजद ने उन्हें विधान परिषद् का सदस्य बनाने के साथ ही साथ संगठन में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दिया है, और यह जिम्मेदारी मिलने के बाद सुनील के तेवर भाजपा जदयू के खिलाफ और तीखा हो गया है।
हाल ही में पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन होने के बाद उत्पन्न स्थिति में राजपूत मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए राजग तथा राजद दोनों गठबंधन में होड़ मची है। इसका एक कारण यह है कि जात पात की हावी राजनीति दौर में आज बिहार में राजपूत का कोई ऐसा नेता नहीं है जो वोट का ट्रांसफर किसी तरफ करा सके। जो जहाँ है वहां याचक की भूमिका में ही खड़ा है। वह अपने लोगों को टिकट क्या दिलाएगा? खुद अपनी जगह कायम रखने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। नीतीश कुमार के पन्द्रह वर्षों के शासन काल में लिए गए विभिन्न निर्णय व सरकार की कार्यशैली से अन्य वर्गों के तरह इस वर्ग के लोगों में भी नराजगी देखी जा रही है। इसी दौर में राजग गठबंधन के नेता स्व रघुवंश बाबु द्वारा लिखी गई अन्तिम क्षण में चिट्ठियों तथा सीने कलाकार सुशान्त सिंह राजपूत के मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा को भूनाकर राजपुत मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करना चाहता है।
इसको लेकर सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार पर लगातार हमला कर रहे हैं। शुक्रवार को हमला को और धारदार बनाने का प्रयास करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार पर राजपूत समाज को ठगने व धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, दिग्विजय सिंह, आनंद मोहन, विजय कृष्ण सहित कई लोगों की चर्चा करते हुए उन सभी के साथ नीतीश सरकार द्वारा किये सलूक को याद दिला रहे हैं।
बिहार में चुनाव सर पर है, ऐसी स्थिति में पक्ष विपक्ष दोनों जातिय व धार्मिक भावनाओं को भूनाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अलग अलग हंथकंडा अपनाते रहेंगे, लेकिन सुनील कुमार सिंह ने पन्द्रह वर्षों तक नीतीश सरकार के विरोध में रहकर भी विस्कोमान पर न केवल अपना कब्जा कायम रखा, बल्कि पटना के सबसे उंची बिल्डिंग में बैठकर आज भी उनके सीने पर दाल दरने का प्रयास तो कर ही रहे हैं!