महा मृत्युंजय मंत्र कलयुग में भी काफी असरकारक
मिथिला हिन्दी न्यूज :- जिस तरह आज के आधुनिक विज्ञान के पास जीवन सुरक्षा प्रणाली भेंडिलेटर अंतिम कवक्ष माना जाता है ,इसी प्रकार धर्म पर विश्वास करने वालों के लिए अंतिम कवक्ष माना गया है।
आज के समय में महा मृत्युंजय मंत्र को बहुत ही सावधानी और सतर्कता से संभाल पाना सभी के वश में नहीं है,चाहे वो कर्मकांडी पंडित ही क्यों न हो।
यदि आस्था, निष्ठा और सूद्धता के साथ इस मंत्र का जाप किया जाय तो व्यक्ति निश्चित ही मृत्यु के मुंह से भी वापस सुरक्षित आ सकता है ,इसमें कोई संदेह नहीं।
हां वह व्यक्ति कितने देर तक मृत्यु के मुंह से वापस रहेगा यह कहना थोड़ा मुश्किल है,कारण भौतिक संसार में जिसका जन्म हुआ उसका मृत्यु निश्चित ही निर्धारित है।
महा मृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु तो टलती ही है, आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है। स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य-लाभ होता है।
दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं, अतः इस मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र से शिव पर अभिषेक करने से जीवन में कभी सेहत की समस्या आने की संभावना कम होती है।