पंकज झा शास्त्री
सितंबर 2020 में कई ग्रहों ने बदली अपनी चाल।अब शनि 29 सितंबर, मंगलवार को सुबह 10 बजकर 35 मिनट के करीब वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र में व्रकी का अर्थ उल्टा और मार्गी का अर्थ सीधी चाल चलना। वक्री अवस्था में ज्यादतर ग्रह नकारात्मक प्रभाव डालते हैं जबकि मार्गी होने पर जातकों के जीवन पर इसका प्रभाव सकारात्मक रूप से पड़ता है। ऐसे में 29 सितंबर से शनि की मार्गी चाल से कई जातकों के जीवन में चल रही बाधाएं कम होंगी और उन्हें किस्मत का साथ मिलना आरंभ हो जाएगा।
शनि इस समय मकर राशि में उल्टी चाल से चल रहे हैं। लेकिन 29 सितंबर 2020 के बाद मकर राशि में रहते हुए सीधी चाल यानी मार्गी होकर भ्रमण करेंगे। शनि की साढ़ेसाती धनु, मकर और कुंभ राशि पर है। शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है। पहला, दूसरा और तीसरा। धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण है, मकर राशि पर दूसरा चरण और कुंभ राशि पर पहला चरण चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती चलने पर कई तरह की परेशानियां आने लगती है। समय पर काम पूरा नहीं होता है। बीमारियां घेरे रहती हैं और आर्थिक संकट बना रहता है।
शनिवार को नीम पेड़ में जल आवश्य अर्पण करे संध्या काल में दीप जलाए या शनिवार को काली मंदिर में लाल अरहुल फूल अर्पण करके माता काली से शनि शांति हेतू प्रार्थना करे,लाभ होगा।
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पंकज झा शास्त्री
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