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सनातन संस्था द्वारा 11 अक्टूबर से ‘आनंदी जीवन के लिए अध्यात्म का महत्त्व’ इस विषय पर 9 भाषाआें में ‘ऑनलाइन’ साधना प्रवचन शृंखला

  श्री. गुरुराज प्रभु

 गत तीन दशकों से सनातन संस्था जिज्ञासुआें और साधकों का अध्यात्म और साधना से संबंधित शंकाआें का समाधान कर उन्हें ईश्‍वरप्राप्ति के लिए मार्गदर्शन कर रही है । वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण सभी लोगों को सत्संग और प्रवचन के लिए प्रत्यक्ष बाहर जाना संभव नहीं हो पा रहा है । ऐसे समय घर में रहकर लोगों को साधना से संबंधित मार्गदर्शन मिलने के लिए सनातन संस्था ने ‘आनंदी जीवन और आपातकाल की दृष्टि से अध्यात्म का महत्त्व’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन साधना प्रवचन शृंखला’ आयोजित की है । यह ऑनलाइन प्रवचन 11 अक्टूबर, 18 अक्टूबर और 24 अक्टूबर 2020 को मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड, तेलगु, मल्यालम, तमिल और बंगाली इन 9 भाषाआें में होनेवाला है । इसलिए सभी जिज्ञासु बंधु-भगिनियां इसका लाभ उठाएं, ऐसा आवाहन सनातन संस्था द्वारा किया गया है ।

         धर्मशास्त्र में ईश्‍वरप्राप्ति के अनेक मार्ग बताए हैं; परंतु इन हजारों साधनामार्गों में से निश्‍चित कौन सी साधना आज प्रारंभ करें ? दैनिक भागदौड का जीवन और वर्तमान कोरोना जैसी आपदा के समय अध्यात्म का क्या महत्त्व है ? पितृदोष क्या है और उसका निवारण करने के लिए कौन सी साधना करनी चाहिए ? जीवन को आनंदी बनाने के लिए कौन सी साधना करनी चाहिए ? ऐसे विषयों पर इस प्रवचन में अमूल्य मार्गदर्शन किया जानेवाला है । साधना करने से आत्मबल बढता है और इस कारण प्रतिकूल वातावरण में भी आनंदी जीवन जी पाते हैं । 

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