अपराध के खबरें

हाथरस में निर्मम सामूहिक बलात्कार व हत्या ने सम्पूर्ण भारत की आत्मा को झकझोर के रख दिया : धर्मदेव पासवान


• हाथरस उत्तर प्रदेश की 19 वर्षीय दलित बालिका के साथ सामूहिक दुष्क्रम व हत्या के प्रकरण में स्वन्त्र, सही व निष्पक्ष जांच, पीड़ित परिवार को उपयुक्त आर्थिक मुआवजा तथा सुरक्षा सुनिश्चत किए जाने का रखा मांग 

ब्यूरोचीफ आलोक वर्मा

मिथिला हिन्दी न्यूज नवादा : एससी/एसटी क्वालिशन बिहार तथा एससी एसटी कर्मचारी संघ के द्वारा अम्बेडकर भवन नवादा में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा गया। जिसमें एससी/एसटी क्वालिशन बिहार के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान ने कहा हाल ही में उत्तर प्रदेश में दलित महिला के साथ हुए निर्मम सामूहिक बलात्कार व हत्या ने सम्पूर्ण भारत की आत्मा को झकझोर के रख दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार दलितों के अधिकारों को सुरक्षित करने में पूरी तरह से असफल रही है। राज्य में दलित महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा तथा एनसीआरबी 2019 की रिपोर्ट यह कटु सत्य प्रदर्शित करते हैं। ग्राम बुगाड़ी अंतर्गत थाना चांदपा हाथरस, उत्तर प्रदेश की 19 वर्षीय बालिका के साथ हुए प्रकरण की विश्व भर में आलोचना की जा रही है। उसके साथ उसी गाँव के चार प्रभावशाली जाति के आरोपियों संदीप उर्फ चंदू पुत्र नरेंद्र, लवकुश पुत्र रमेश सिंह, रवि पुत्र अतर सिंह तथा राम कुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश सिंह द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया। 
उन्होंने कहा घटना की जांच स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सुनिश्चित हो जो कि राजनेतिक तथा राज्य के दखल से स्वतंत्र हो। जांच अत्याचार निवारण अधिनियम के अनुसार 60 दिनों में पूरी कर चार्ज शीट पेश की जाए।
घटना की जांच मृतका के मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर सामूहिक बलात्कार मानते हुए सुनिश्चित हो तथा क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट, 2013 को ध्यान में रखते हुए बलात्कार की जांच हो। 
राज्य सरकार आरोपी परिवार व सहयोगी समुदायों द्वारा धमकियाँ तथा गाँव में प्रभावशाली जाति के बढ़ते विरोध को ध्यान में रखते हुए पीड़ित परिवार की सुरक्षा के कड़े इंतजाम करे। हम पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए गाँव में अस्थायी पुलिस चौकी की मांग करते हैं। 
प्रकरण का विचारण एससी/एसटी विशेष न्यायालय के द्वारा त्वरित रूप से किया जाए तथा अत्याचार अधिनियम के अनुसार 60 दिनों में निर्णय सुनाया जाए। 
पीड़ित परिवार को नियम 12(4) अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधित अधिनियम 2015 के अंतर्गत 8,25,000/-का आर्थिक मुआवजा अविलंब दिया जाए। हम यह भी मांग करते हैं की पीड़ित परिवार को नियम 12(4)(46) एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत 5 एकड़ भूमि पीड़ित परिवार को अतिरिक्त राहत के रूप में दिया जाए।
पुलिस व प्रशासन के खिलाफ लापरवाही बरतने व अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधित अधिनियम 2015 के प्रावधानों की अवहेलना करने के लिए धारा 4 अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधित अधिनियम 2015 तथा धारा 166 ए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जाए। हम मेडिकल अधिकारियों के खिलाफ भी मेडिकल रिपोर्ट के तथ्यों के साथ छेदखनी करने के लिए धारा 4 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की मांग करते हैं। 
ज़िला कलेक्टर व पुलिसअधीक्षक तथा अन्य पुलिस व प्रसाशनिक अधिकारी के खिलाफ पीड़िता के शव को जलाने के लिए (धारा 297 आईपीसी), साक्ष्य नष्ट करने के लिए (धारा 201 आईपीसी), दलित परिवार को प्रताड़ित करने के लिए धारा 3(1)(r)(s)एससी/एसटी एक्ट), सदोष अवरोध के लिए (340,342 आईपीसी) आपराधिक अभित्रासके लिए (506 आईपीसी) पीड़ितों के साथ मारपीट करने के लिए (धारा 323, 324 आईपीसी) के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए। 
प्रेस वार्ता में चंद्रिका मोची प्रचार सचिव, एससी एसटी कर्मचारी संघ, गोरेलाल पासवान, मनोज पासवान, चैतन्य शंकर, मोहित कुमार, विष्णुदेव पासवान, कुमार वैभब इत्यादि लोगों ने भाग लिया ।
Tags

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live