नवादा जिले के अंतर्गत रजौली मुख्यालय में चिलचिलाती धूप गर्मी भरे मौसम के बाद अब गुलाबी मौसम ने दस्तक दे दी है। रात का तापमान 20 डिग्री से लुढ़क गया है।इससे रात में सर्द का एहसास होने लगा है।मौसम के करवट बदलने पर जरा सी लापरवाही सेहत के लिए खतरा बन सकती है।ऐसे में सावधानी बरतने से गुलाबी मौसम का आनंद उठाया जा सकता है।उधर बदलते मौसम के साथ ही बाजार का ट्रेंड भी बदल गया है।लोगों ने गर्म कपड़ों की खरीदारी पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।खास यह है कि मौजूदा समय में रात का तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस हो गया है।जिस कारण रात के समय में ठंड बढ़ने लगी है।मौसम के करवट बदलने से लोगों की सेहत भी बिगड़ने लगी है।रजौली के अस्पतालों में खांसी और जुकाम के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है।चिकित्सक एनके चौधरी कहते हैं कि मौसम बदलने के साथ ही इंफेक्शन भी बढ़ रहा है।जिस कारण खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज अनुमंडलीय असपताल में अधिक पहुंच रहे हैं।अस्थमा के मरीज के लिए तो सबसे अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।अस्थमा के मरीज को अपनी दवा हमेशा अपने पास रखनी चाहिए।मौसम के करवट लेते ही बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।क्योंकि बच्चों का शरीर परिवर्तन को जल्दी स्वीकार नहीं कर सकता है।बच्चों को गर्म कपड़ों में रखना शुरू कर दें।सर्दी जुकाम होने से तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।हृदय रोगियों के लिए ज्यादा सतर्कता जरुरी।फिजीशियन चिकित्सक दिलीप कुमार ने बताया कि सर्दी का मौसम दमा के मरीजों के लिए तो तकलीफदेह होता ही है।लेकिन हृदय रोगियों को भी इस मौसम में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।दरअसल सर्दियों में रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। जिसका असर हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है।इसलिए इस मौसम में हृदय रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
चिकित्सक-बच्चों का ख्याल भी जरुरी
मौसम में पूरी तरह बदलाव आ चुका है।ऐसे में बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।सर्दी में खांसी,जुकाम,न्यूमोनिया,उल्टी व दस्त व संक्रमण जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं।लापरवाही बढ़ने पर ये बीमारियां घातक रूप ले सकती हैं।बच्चों को घर से बाहर ले जाने में माता-पिता पूरी सावधानी बरतें।त्वचा का रखें ख्याल सर्दी शुरू होते ही शरीर से पसीना आना बंद हो जाता है। इससे त्वचा में खिंचाव आ जाता है।जिसे त्वचा फटनी भी शुरू हो जाती है।सर्दी में त्वचा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।इस मौसम में नहाते समय साबुन का इस्तेमाल भी देखकर करें।अधिक कास्टिक वाली साबुन का इस्तेमाल न करें।साथ ही मास्चराइजर का भी जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।