मिथिला हिन्दी न्यूज :- लोक जनशक्ति पार्टी को नई दिल्ली में एक बैठक के बाद बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले जाने का निर्णय लिया है. पर सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोजपा के इस फैसले को भारतीय जनता पार्टी का कहीं कोई बड़ा प्लान तो नहीं है क्योंकि लोक जनशक्ति पार्टी, वैचारिक मतभेद के कारण जनता दल (यूनाइटेड) के साथ आगामी बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी." लेकिन लोजपा ने स्पष्ट किया कि उनके मतभेद जेडीयू के साथ हैं न कि भाजपा के साथ. "राष्ट्रीय स्तर पर और लोकसभा चुनावों में, लोक जनशक्ति पार्टी का भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन है जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.चिराग ने कल ट्विटर पर "बिहार पहले बिहारी पहले" एलजेपी का एक विज़न डॉक्यूमेंट साझा किया था. उन्होंने कहा कि दस्तावेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित है और उन्होंने कहा है कि राज्य के लोग उन्हें बिहार बनाने और अपना गौरव बहाल करने के लिए आशीर्वाद देंगे ताकि "मेरे सभी उम्मीदवार प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत कर सकें." पर्दे के पीछे क्या चल रहा है वो तो चिराग पासवान ही जानें और भारतीय जनता पार्टी के कोई भी ने इस चुप्पी साध रखी है। तो लोजपा के खिलाफ जदयू ने मोर्चा खोल दिया है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर जदयू के समर्थक बोल रहे केंद्रीय मंत्रीमंडल से तत्काल रामविलास पासवान को इस्तीफा देना चाहिए। एलजेपी के विधायक मणिपुर के तर्ज पर बीजेपी को समर्थन देंगे। मणिपुर में बीजेपी व एलजेपी में कोई गठबंधन नहीं था। मणिपुर में चुनाव परिणामों के पश्चात् बीजेपी एवं एलजेपी ने मिलकर सरकार बनाई।अब देखना दिलचस्प होगा की आगे आगे क्या होता है।