मिथिला हिन्दी न्यूज कटिहार/ बलरामपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बीते दिनों लगातार हुई बारिश से आई बाढ़ ने किसानों कि मानो कमर तोड़ दी है। बाढ़ का कहर के कारण खेतों में लहलहाती फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसान अब केंद्र व राज्य सरकार से मुआवजे की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं। किसानों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे राज्य में अचार संहिता लागू है। जिस कारण किसान की बातों को ना तो निर्वाचन आयोग समझ रहा है और ना राजनीतिक पार्टी के लोग। सब अपनी-अपनी सरकार बनाने में जुटे हैं। ऐसे में किसान का क्या होगा सब भगवान भरोसे है। इधर किसानों की समस्या को लेकर समाजसेवी जगन्नाथ दास, कमलेश दास, प्रणव कुमार दास, परिमल दास, कपिलदेव दास, राजेश शर्मा, करण कुमार दास, रामू कुमार चोधरी, शंकर कुमार दास,वैद्यनाथ दास,सुबल दास,अभय चन्द्र दास,अरूण कुमार दास अभाविप के संयोजक विनोद कुमार कुशवाहा, भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता संजीत महतो, सूरज गोस्वामी, बुद्धदेव दास, मनोरंजन महतो आदि ने कहा की एक ओर सरकार किसानों को मदद पहुंचाने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन जब किसान का फसल बर्बाद होता है, उसे देखने वाला कोई नहीं है। सरकार की ओर से अभी तक ना कोई जनप्रतिनिधि आया है, और ना ही कोई पदाधिकारी पीड़ित किसानों ने सरकार से किसानों के सहायता के लिए कोई उपाय ढूंढ कर मदद करने की मांग की है।