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स्मृतिशेष : जमुई में अखबार के जनक थे मास्टर साहब, पुण्यतिथि पर लोगों ने किया याद

श्याम देव सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया और उनके आवास पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी

अनूप नारायण सिंह 
 
मिथिला हिन्दी न्यूज :-गुरुवार को मास्टर साहब के नाम से मशहूर जमुई के टेंगहरा गांव निवासी श्याम देव सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया और उनके आवास पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. टेंगहरा स्थित उनके आवास पर शांति सभा का आयोजन किया गया था जहां उनकी पत्नी बिमला देवी, उनके पुत्र शैलेन्द्र सिंह, सुरेंद्र सिंह,पौत्र सोनू सिंह,अभिषेक कुमार सिंह,राजा कुमार,आर्यन सिंह,श्रेया सिंह,श्रीजा सिंह, के साथ साथ कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.मास्टर साहब ने जमुई में एक शिक्षक के रूप में शिवनडीह के महादलित टोले से कैरियर की शुरुआत की थी. तब गुरु जी सिर्फ पढ़ाते नहीं थे बल्कि समाज सुधारक के रूप में समाज के बच्चों को जुटाकर स्कूल आना और उसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना भी उनका दायित्व था. इस कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था.देश में आजादी की लड़ाई जब चरम पर थी तब मास्टर साहब ने अखबार के माध्यम से जमुई के लोगों को देश में चल रही आजादी की गतिविधियों से अवगत कराया था. जमुई में आजादी के पूर्व अखबार आने लगा था जिसे लाने वाले मास्टर साहब ही थे. मास्टर साहब को जानने वाले बताते हैं कि अख़बार उनका जुनून था.बताया जाता है कि आजादी के काफी पहले किशोरावस्था में ही उन्होंने जमुई में अखबार लाना प्रारंभ कर दिया था तब हिंदी अखबार कम ही था. हिंदी में राष्ट्रवाणी के बाद बदलते वक्त के साथ उन्होंने कई अखबारों के प्रारंभ को देखा और उन सब को जमुई में स्थापित भी किया तथा जमुई के लोगों को इन अखबारों के माध्यम से देश-दुनिया की जानकारी दी. कहा जाता है कि अखबार में उनकी आत्मा बसती थी.जानने वाले बताते हैं कि बढ़ती उम्र के कारण कमजोर होने के बाद भी अखबार उनके सिरहाने रखा रहता था. बताया जाता है कि अंतिम सांस लेते वक्त भी वे अखबार का साथ नहीं छोड़ पाए. मास्टर साहब 96 वर्ष की उम्र में ज्यादा बीमार पड़े और 31 दिसंबर 2017 को टेंगहरा स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली.|

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