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आम जनता को एक और झटका, अब दूध पीना होगा महंगा

संवाद 

मिथिला हिन्दी न्यूज :-ज्यादातर दूध डायरी ने पिछले साल ही में अपने दूध के दामों में भी बढ़ोतरी की है। दूध उत्पादन आमतौर पर हर साल सर्दियों के मौसम में होता है। नतीजतन, इसकी कीमत कम हो जाती है। लेकिन इस साल स्थिति बिलकुल विपरीत है। दुग्ध उत्पादन पर भारी मार पड़ी है। यही वजह है कि डेयरी कंपनियों को ऊंचे दामों पर दूध खरीदना पड़ता है। स्वाभाविक रूप से इसकी कीमत बाजार में बढ़ गई है।

कोविद के बंद होने से देश का डेयरी उद्योग गहरे संकट में था। बेचने में असमर्थ, उस समय भारी मात्रा में दूध बर्बाद हो गया था। यही कारण है कि कई डेयरी उत्पादकों की वित्तीय रीढ़ टूट गई है। परिणामस्वरूप, वे पूरे पेट पर मवेशियों को नहीं खिला सकते थे। यह ऐसा है मानो उनका रिहर्सल पूरे सीजन में आया हो। उत्पादन धक्का दिया। इस देश में हर साल अक्टूबर से मार्च तक दूध का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। इसीलिए इस समय दूध की कीमत अपेक्षाकृत कम है। लेकिन इस सीजन में, पहले की तरह आपूर्ति की कमी के कारण कीमत बढ़ गई है। उत्पादन लागत बढ़ने से डेयरी कंपनियों ने स्वाभाविक रूप से दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की है। दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतें आने वाले महीनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
 
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