कोविद के बंद होने से देश का डेयरी उद्योग गहरे संकट में था। बेचने में असमर्थ, उस समय भारी मात्रा में दूध बर्बाद हो गया था। यही कारण है कि कई डेयरी उत्पादकों की वित्तीय रीढ़ टूट गई है। परिणामस्वरूप, वे पूरे पेट पर मवेशियों को नहीं खिला सकते थे। यह ऐसा है मानो उनका रिहर्सल पूरे सीजन में आया हो। उत्पादन धक्का दिया। इस देश में हर साल अक्टूबर से मार्च तक दूध का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। इसीलिए इस समय दूध की कीमत अपेक्षाकृत कम है। लेकिन इस सीजन में, पहले की तरह आपूर्ति की कमी के कारण कीमत बढ़ गई है। उत्पादन लागत बढ़ने से डेयरी कंपनियों ने स्वाभाविक रूप से दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की है। दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतें आने वाले महीनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
आम जनता को एक और झटका, अब दूध पीना होगा महंगा
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يناير 23, 2021
कोविद के बंद होने से देश का डेयरी उद्योग गहरे संकट में था। बेचने में असमर्थ, उस समय भारी मात्रा में दूध बर्बाद हो गया था। यही कारण है कि कई डेयरी उत्पादकों की वित्तीय रीढ़ टूट गई है। परिणामस्वरूप, वे पूरे पेट पर मवेशियों को नहीं खिला सकते थे। यह ऐसा है मानो उनका रिहर्सल पूरे सीजन में आया हो। उत्पादन धक्का दिया। इस देश में हर साल अक्टूबर से मार्च तक दूध का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। इसीलिए इस समय दूध की कीमत अपेक्षाकृत कम है। लेकिन इस सीजन में, पहले की तरह आपूर्ति की कमी के कारण कीमत बढ़ गई है। उत्पादन लागत बढ़ने से डेयरी कंपनियों ने स्वाभाविक रूप से दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की है। दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतें आने वाले महीनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
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