अपराध के खबरें

गर्भवती महिलाओं, व बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है आयोडीन


- आयोडीन की कमी से बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक विकास हो सकता है अवरुद्ध ।
 - गभर्वती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भस्थ शिशु का हो सकता विकास प्रभावित ।

प्रिंस कुमार 


आयोडीन की सही मात्रा में प्रयोग हमारे लिए बेहद जरूरी है| वहीं यह बच्चों के लिए अति आवश्यक है। इसकी कमी से बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक विकास की गति धीमी पड़ सकती है। इसके कई लक्षण हैं। जैसे शुष्क त्वचा, बालों का झड़ना, बोली में भारीपन आदि| यह बातें सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसी भी माध्यम से शरीर को प्राप्त आयोडीन की अधिकांश मात्रा पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाती है। इसलिए आयोडीन प्रत्येक दिन आहार के माध्यम से प्राप्त करना जरूरी है। जहां तक गभर्वती महिलाओं की बात है, यदि उनके शरीर में आयोडीन की मात्रा कम है तो उनके गर्भस्थ शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है। जिससे बच्चे कुपोषित, कम वजन वाले या मृत शिशु भी पैदा हो सकते हैं।
क्यों आवश्यक है आयोडीन शिशुओं के लिए:
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आयोडीन बढ़ते शिशुओं के दिमाग के विकास एवं थायरायड ग्रंथी (जिससे उत्सर्जित होने वाले हार्मोन जो शरीर की कई अहम प्रक्रियाओं को नियंत्रित एवं विनयमित करती हैं) के सफल संचालन के लिए अतिआवश्यक है। हालांकि इसकी अल्पमात्रा ही हमारे लिए जरूरी है।

क्या हैं आयोडीन के मुख्य स्रोत:
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह व डॉ रंजीत राय ने बताया कि आयोडीन मुख्यत मिट्टी एवं पानी में पाया जाने वाल सूक्ष्म पोषक तत्व है। आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक का उपयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पुराने एवं गीले हो चुके नमक से आयोडीन खत्म हो सकता है। इसलिए 12 माह से अधिक पुराने एवं गीले हो चुके आयोडीन युक्त नमक का उपयोग न करें। वैसे खाद्य पदार्थों जैस अनाज, दाल, मछली, मांस एवं अण्डों में भी कुछ मात्रा में ही सही लेकिन आयोडीन पाया जाता है जो शरीर में आयी आयोडीन की कमी को पूरा कर सकने में सक्षम है हैं।

कैसे करें आयोडीन की कमी का उपचार:
सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सक डॉ नीरज कुमार ने बताया ने बताया कि आयोडीन की कमी का पता चलने पर चिकित्सकों की सलाह अनुरूप आयोडीन सप्लीमेन्ट का सेवन करें। गभर्वती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी आयोडीन का प्रयोग चिकित्सीय सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। हालांकि हलांकि आयोडीन सप्लीमेन्ट की आवश्यकता उन लोगों को ज्यादा है जो थायरायड थाइराइड संबंधी समस्याओं से ग्रसित हैं। उन्हें भी चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का भी रखें ख्याल: 
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live