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शिक्षक की नौकरी छोड़ दारोगा बने थे दिनेश, पत्नी हैं सीवान जिले में शिक्षिका

प्रिंस कुमार 

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले में लखौरा थाना क्षेत्र के सरसौला गांव निवासी दारोगा दिनेश राम की शराब तस्कर से मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई। सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज थाने में तीन माह पहले उनकी पोस्टिंग हुई थी। मृतक दारोगा के बड़े भाई उमेश राम ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई लखौरा से की थी। वर्ष 2005 में पंचायत शिक्षक के पद पर बरवा पंचायत में जॉइन किया। लेकिन उनका अरमान कुछ और था। शिक्षण कार्य करते हुए दारोगा की परीक्षा पास की।

वे वर्ष 2009 में दारोगा बने। दारोगा बनने के बाद उनकी शादी सीवान जिले में हुई। उनकी पत्नी किरण देवी जीरादेई थाने के ठेपहा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। उनके एक पुत्र रीतिक कुमार (7) व एक पुत्री खुशी कुमारी (4) हैं। उनके पिता शंकर राम की मृत्यु वर्ष 2017 में हो गई। वे चालक का काम करते थे। तब से साथ में वे मां को अपने साथ रखते थे। उनकी मां कार्यवश घर आई हैं।

पुत्र की मौत की खबर सुन बूढी मां का रो- रोकर बुरा हाल

दारोगा दिनेश राम की मौत की सूचना मिलते ही गांव सहित पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। घटना से पूरा गांव शोकाकुल है। एक दूसरे से बात करने में ग्रामीणों का आंखें नम हो जा रही थी। घर में अकेली मृतक की मां 70 वर्षीया रमपतिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मां छाती पीट पीट कर रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं। होश आने पर कहती है कि अब हम केकरा सहारे जीयब हो बउआ। उनके रोने से पूरा माहौल गमगीन हो गया है। परिवार में सिर्फ वहीं कमाऊ पुत्र थे। बड़ा भाई उमेश राम घर का देख भाल करते हैं।

सीवान से मोतिहारी के लिए चल चुकी हैं पत्नी

मृतक की पत्नी किरण देवी अभी सीवान मायके में हैं। वे सूचना मिलने पर ससुराल के लिए चल चुकी हैं। गांव की महिलाओं का भी रो-रो कर बुरा हाल है। पंचायत के पूर्व मुखिया राम एकबाल महतो ने बताया कि वर्ष 2005 में उसकी पंचायत शिक्षक पद पर हमने बहाली की थी। दिनेश बहुत ही अच्छे स्वभाग का था। सभी की इज्जत करता था। काफी मिलनसार स्वभाव का था। उसकी मौत से समाज को बहुत क्षति हुई है। ग्रामीण कृष्णा सहनी के अनुसार वह घर आने पर सभी लोगो से मिलकर उनका कुशल क्षेम जानता था। धार्मिक कार्यो में उसकी काफी रुची थी। इसी प्रकार ग्रामीण पप्पु कुमार ने बताया जब भी वह नौकरी से आता था तो बिना मुलाकात किए नहीं जाता था। बच्चे की पढाई के बारे में पूछते रहता था । इसी प्रकार ग्रामीण दर्शन राम व रामजी गिरी का कहना था कि उसने हमारे समाज का नाम रौशन किया था ।आज सरसौला का शान हमारे बीच से चला गया।

भगवान शंकर का यज्ञ कराने की बना रहे थे योजना

लखौरा चौक से सटे पूरब किनारे मृत दारोगा दिनेश राम का आवासीय घर है। घटना की खबर से पूरा चौक पर सन्नाटा छाया गया। लोग एक दूसरे से घटना के बारे में जानने के लिए काफी बेचैन थे। क्षेत्र के चौक चौराहो पर सिर्फ इसी घटना की चर्चा हो रही थी। सुनते ही सभी की आंखें नम हो जा रही थी। उनका स्वभाव ही ऐसा था कि जो सुनता फफक कर रोने लगता। लखौरा चौक व गांव में लोग जमा होकर उनसे जुड़ी पूरानी यादों को ताजा कर रहे थे। लोगों का कहना था कि दारोगा अप्रैल माह मे भगवान शंकर का यज्ञ करने के लिए प्लान बना रहे थे। कुछ दिन पहले घर आये थे तो दरवाजे पर मिट्टी भरने के लिए कहकर भाई को गए थे।

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