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तो क्या सारण लोकसभा क्षेत्र की चुनावी तैयारी में लग चुके हैं राजद विधायक जितेंद्र राय

चिकित्सा शिविर के बहाने सारण लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय

वरिष्ठ पत्रकार अनूप नारायण सिंह की कलम से

मिथिला हिन्दी न्यूज :- सारण संसदीय लोकसभा क्षेत्र में मढ़ौरा से राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय इन दिनों कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो चुके हैं।इनने पिता स्वर्गीय यदुवंशी राय मढ़ौरा के विधायक रहे थे उनकी स्मृति में अमनौर गरखा परसा सोनपुर व छपरा विधानसभा क्षेत्र में जितेंद्र राय के द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है यह स्वास्थ्य शिविर इक्का-दुक्का की तादाद में नहीं हो रहे बल्कि पूरे इलाके में काफी बेहतर ढंग से आयोजित किए जा रहे हैं स्वास्थ्य कैंपों में खुद विधायक जितेंद्र राय के भाई डॉ हिमांशु राय कमान थामे रहते हैं। जितेन्द्र राय ने इस बार विधानसभा जीत के साथ मढ़ौरा से भी जीत की हैट्रिक लगा ली हैउनसे पहले उनके पिता स्वर्गीय यदुवंशी राय का एकछत्र साम्राज्य इस विधानसभा क्षेत्र पर था सारण की राजनीति में अपनी बेदाग छवि के कारण इनकी पहचान है। पहले छपरा अब सारण लोकसभा हो चुके इस क्षेत्र पर यादव व राजपूत प्रत्याशियों का शुरू से ही दबदबा रहा है यहां से सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी का है यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सांसद रहे व रेल मंत्री भी बने लालू परिवार के लिए छपरा जो अब सारण बन चुका है सबसे सेफ सीट मानी जाती थी पिछले लोकसभा चुनाव के समय लालू यादव के समधी और परसा से राजद विधायक रहे चंद्रिका राय को राजद ने अपना टिकट दिया था पर चंद्रिका राय राजद खेमे को ही नहीं पच रहे थे उस समय चंद्रिका राय व लालू यादव परिवार के बीच विवाद चरम पर था उनको टिकट दिया जाना भी उसी विवाद को खत्म करने की दिशा में कारगर पहल माना गया पर भाजपा की लहर व राजद कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण चंद्रिका राय सारण के रण में पराजित हुए विधानसभा चुनाव के ठीक पहले चंद्रिका राय जदयू में शामिल हो गए तथा से उन्हें टिकट थमा दिया गया लेकिन परसा के यादव मतदाताओं ने जदयू के टिकट के प्रबल दावेदार रहे और राजद में शामिल हुए पूर्व विधायक छोटेलाल राय को लालटेन के साथ विधानसभा भेजने का काम किया सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सोनपुर,गोरखा सुरक्षित परसा अमनौर और छपरा विधानसभा आता है।इस बार के विधानसभा चुनाव में 6 सीटों में से अमनौर छपरा ही भाजपा के कोटे में गई बाकी 4 सीटों पर राजद की लालटेन जली सारण की राजनीति में जितेंद्र राय और वरिष्ठ नेता बनकर उभरे हैं ऐसे में सारण लोकसभा सीट की दावेदारी भी उनकी ही बनती है क्षेत्र में सक्रिय हैं विधानसभा चुनाव परिणाम के पहले यह भी चर्चा थी कि अगर राजद की सरकार बनती है तो जितेंद्र राय का मंत्री बनना तय है सत्ता के समीकरण से चंद कदमों पर राजद का कारवां रुक गया ऐसे में जितेंद्र राय नहीं रुके क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर क्रिकेट फुटबॉल प्रतियोगिताओं के बहाने मढ़ौरा से बाहर निकलकर सोनपुर गरखा परसा अमनौर मढ़ौरा और छपरा में अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं राजनीतिक समीक्षक मानते हैं यह एक शुभ संकेत है क्योंकि जितनी लोकप्रियता बढ़ेगी पार्टी लिए उतना ही फायदा होगा ऐसे में जितेंद्र राय आगामी लोकसभा चुनाव में राजद के इकलौते टिकट के दावेदार होंगे और राजद को भी उनको टिकट देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि जितेंद्र राय के करीबी उनकी टीम के अहम सदस्य तथा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विधान परिषद चुनाव में राजद के टिकट के प्रबल दावेदार सुधांशु रंजन का कहना है कि जनसेवा दिखावे के लिए नहीं होता जितेंद्र राय दूसरे मिजाज के आदमी हैं उनके दोनों भाई चिकित्सक हैं पिता स्वर्गीय यदुवंशी राय के नाम पर लोगों की सेवा में लगे रहते हैं क्षेत्र में जहां कहीं से भी कार्यकर्ता स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के लिए पहल कर रहे हैं विधायक जी के तरफ से पूरी व्यवस्था की जा रही है जनतंत्र में जनता मालिक होती है इस कारण से किसी को भी सोचने से नहीं रोका जा सकता यह तो समय बताएगा कि आगे क्या होगा फिलहाल चुनाव भी नहीं है। कोरोना वह बाढ़ मे जितेंद्र राय सिर्फ मढ़ौरा ही नहीं बल्कि छपरा अमनौर परसा गरखा में भी काफी सक्रिय रहे।इनके परिवार की पुरानी राजनीतिक विरासत है पहले पिता और अब खुद ही जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं ऐसे में लोगों की अपेक्षाएं भी इनसे ज्यादा है इस कारण से जन सेवा में लगे हुए हैं
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