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प्रियंका को अहमदाबाद में मिला नया जीवनदान


- सफल हृदय रोग चिकित्सा के बाद खुश है प्रियंका 
- आरबीएसके की टीम का मिला भरपूर साथ 

प्रिंस कुमार 

बहुत खुशी है सर..हम जन मजूर आदमी, कहां से इलाज कराते। आज हमारी बच्ची स्वस्थ्य है, सब सरकार की देन है.. यह उस पिता के बोल हैं जिस पिता ने सुविधाओं के अभाव में अपनी बेटी का कष्ट देखा था। परेउवा गांव के पेशे से दिहाड़ी मजदूर राम बाबू यादव कहते हैं उस वक्त मुझे गहरा धक्का लगा था जब मैंने प्रियंका के दिल में छिद्र होने की बात सुनी पर राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ मनीष जी ने मुझे भरोसा दिलाया कि अब उनकी पुत्री सरकार की जिम्मेदारी है। जिसे वह जरूर ठीक करेंगे करेगें। इस बात ने मेरी चिंताओं की लकीर को कम कर दिया था। एक वह दिन है और एक आज का दिन है जब मेरी चिंताओं की लकीर पूरी तरह गायब है। अब वह पढेगी और बेहतर भविष्य भी गढ़ेगी। 
स्क्रीनिंग में मिले लक्षण
रामबाबू कहते हैं एक बार जब मेरी बिटिया स्कूल में थी तो आरबीएसके की टीम विद्यार्थियों का हेल्थ चेकअप कर रही थी। उसी में इसके लक्षण पहचान में आए। इससे पहले यह थोड़ा सा चापाकल भी चलाती थी तो सांस फूलने लगती थी। हांथ कांपने लगता था। चेकअप में बीमारी की पकड़ के बाद सदर अस्पताल से आईजीआई एमएस रेफर किया गया। वहां पर सारी जांच प्रक्रिया और कागजी काम के बाद एक दिन बुलाया गया। 
पटना से अहमदाबाद का सुखद सफर 
आरबीएसके के तीन डॉक्टर के साथ पटना आया वहां मुख्यमंत्री से मिला। काफी सत्कार हुआ। मुख्यमंत्री ने दिलासा और होने वाले ऑपरेशन के लिए शुभकामनाएं भी दी। वहां से बस से एयरपोर्ट गया। टिकट कटाया गया। कुल 32 आदमी पटना से अहमदाबाद गए थे। अहमदाबाद में भी खाने से लेकर रहने तक का बेहतर इंतजाम था। बच्चों का ऑपरेशन किया गया। जो सफल रहा। गुरुवार को ही पटना से रक्सौल एबुंलेंस से लौटा हूं। ऑपरेशन कराने के बाद पटना एयरपोर्ट पर प्रधान सचिव भी स्वागत के लिए खड़े थे। एक पैसा कहीं खर्च नहीं हुआ। अब मेरी प्रियंका काफी स्वस्थ्य है। 
सात निश्चय योजना के तहत बाल हृदय योजना से हुआ उपचार 
पूर्वी चम्पारण के जिला राष्ट्रीय बाल सुरक्षा के समन्वयक मनीष कुमार ने बताया प्रियंका के पिता रामबाबू को मुख्यमंत्री की आकांक्षी योजना सात निश्चय 2 की महत्वकांक्षी योजना बाल हृदय योजना की जानकारी दी गई। उनको भरोसा दिलाया गया कि उनकी बेटी का ऑपरेशन इसी स्कीम के तहत होगा और उनका एक भी पैसा खर्च नहीं होगा। इलाज के बाद भी हमारी टीम बराबर प्रियंका पर नजर बनाये हुए है। वहीं उनके पिता से भी बराबर संपर्क में हैं। प्रियंका कुमारी की चिकित्सा में मोतिहारी सदर अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक डॉ अनिल कुमार सिन्हा की भूमिका भी काफी अहम रही । 
आरबीएसके की अहम भूमिका
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा प्रियंका को आज जो जिंदगी मिली है वह आरबीएसके के नियत तौर पर कार्य करने का परिणाम है। आरबीएसके के तरत 34 तरह की बीमारियों का इलाज होता है। जो बिल्कुल ही नि:शुल्क है।
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