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एईएस/चमकी बुखार को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा


-लगभग 1000 ग्रामीण चिकित्सकों से कॉन्फ्रेंस कॉल से की बात।


एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक की गई जिसमें सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों,सभी प्रखंड चिकित्सा अधिकारियों को और सभी सीडीपीओ को आवश्यक निर्देश दिए गए।
 
बैठक में प्रचार प्रसार विशेषकर हैंडव्हील एवं पंपलेट वितरण, दीवाल लेखन, डोर टू डोर भ्रमण, आशा ,सेविका, सहायिका एवं जीविका दीदियों की सहभागिता, जनप्रतिनिधियों की सहभागिता, वाहनों की टैगिंग, गोद लिए गए पंचायतों में किये जाने वाले जागरूकता कार्यो इत्यादि की समीक्षा की गई।

 जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि बढ़ते तापमान के मद्देनजर सभी विभाग अलर्ट मोड में रहे। किसी भी स्तर पर गंभीरता पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
 
उन्होंने उन्होंने निर्देश दिया कि आशा, जीविका दीदी, आंगनवाड़ी सेविका/ सहायिका एवं टैग किए गए वाहन के चालक का मोबाइल नम्बर हर हाल में प्रत्येक लाभुक के पास उपलब्ध करवाएं ताकि अपरिहार्य स्थिति में उसका लाभ उन्हें मिल सके

एईएस/चमकी बुखार पर नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी के स्तर से सभी शिक्षकों को और आंगनवाडी सेविकाओं को व्यक्तिगत रुप से खत(अनुरोध पत्र) भी लिखा जाएगा कि वे न केवल अपने स्कूलों और केंद्रों के बच्चों को बल्कि अपने आसपास के बच्चों पर सतत निगरानी रखते हुए एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकें।
 
इसके साथ बैठक में सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे सतत रूप से आंगनबाड़ी सेविका /सहायिका के कार्यों का अनुश्रवण करते रहे। सभी आंगनवाड़ी सेविका/ सहायिका अपने-अपने पोषक क्षेत्र के अंतर्गत सभी बच्चों विशेषकर कमजोर बच्चों का नियमित रूप से फॉलोअप करना सुनिश्चित करेंगे।

 बैठक में डीएम ने स्पष्ट कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का रेंडमली निरीक्षण किया जाएगा। अनुपस्थित पाए गए पदाधिकारी पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कांफ्रेंस कॉल से की बात

 जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार ने कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम से जिले के लगभग 1000 ग्रामीण चिकित्सकों से बात की।

 उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि बढ़ते तापमान को देखते हुए संभावित एईएस/ चमकी बुखार रूपी आपदा में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। 

उन्होंने कहा कि आप ग्रामीण परिवेश में रहते हुए अपने उत्तरदायित्वो का निर्वहन करते हैं ऐसे में लोगों के लिए आप फर्स्ट रिस्पांडर हैं। ऐसे में आप की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

 उन्होंने सबों से अनुरोध किया कि यदि किसी बच्चे में एईएस का लक्षण नजर आता है तो आप स्वयं उस बच्चे को निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में या एसकेएमसीएच में पहुंचाने में सहयोग करेंगे।कहा कि ऐसी स्थिति में बिना समय गवाएं बच्चे को सरकारी अस्पताल में पहुंचाना अनिवार्य है ताकि एईएस प्रोटोकॉल के तहत संबंधित अस्पताल में उनका विधिवत इलाज हो सके। 

जिलाधिकारी ने सभी ग्रामीण चिकित्सकों से अनुरोध करते हुए कहा कि आइए हम सब मिलकर समन्वय के साथ कार्य करते हुए एईएस पर प्रभावी नियंत्रण करने की दिशा में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन मिलजुल कर करें।

बैठक में उप विकास आयुक्त डॉ सुनील कुमार झा, अपर समाहर्ता आपदा डॉ अजय कुमार, सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर ,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर गोपाल सहनी के साथ स्वास्थ विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

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