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किसान आंदोलन के 6 महीना पूरा होने पर राजद का काला दिवस एवं प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया


संवाद 

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान राजद किसान प्रकोष्ट मधुबनी के द्वारा जिला अध्यक्ष प्रो देवनारायण यादव के नेतृत्व मैं किसान आंदोलन के 6 महीना पूरा होने पर किसान विरोधी तीनो काला कानून वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत गेंहू की खरीद चालू करने, डीजल,खाद ,बीज का मूल्य वृद्धि वापस लेने, कोरोना महामारी मैं प्रति परिवार 10 हजार की सहायता राशि देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर फुलपरास मैं काला दिवस एवं प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया। 
   प्रतिरोध सभा को संबोधित करतें हुए वक्ताओं ने कहा कि आज देश के चारों तरफ मानवता की चीख-पुकार है. पर कोई सुनने वाला नहीं है .लोग गरीमा के साथ न तो जी पा रहे और न ही उन्हें गरिमा के साथ मौत नसीब हो रही । लोग अपने प्रियजनों को खो रहे हैं । न दवाई , न टीका, न बेड , न आक्सीजन। सब चीजों की कालाबाजारी हो रहीं है । यह भयंकर स्थिति अचानक नहीं बनी है । और यह कोई कुदरत की वजह से भी नहीं हो रहा। सच्चाई यह है कि जब सभी कुछ मोदी सरकार कारपोरेट के लिए करती आई है तो आम आदमी की जिंदगी का महत्व क्या है ? जो सरकार कोरोना जैसी महामारी की आपदा को भी अवसर के तौर पर भुनाने से गुरेज नहीं करे, उसके शासन से और क्या आशा की जाए ? करोना काल में कृषि के तीन काले कानून थोप कर देश की कृषि और किसानों की रोजी रोटी की तबाही का रास्ता खोल दिया. कोरोना की विपदा को भुनाते हुए श्रमिकों के अधिकारों को खत्म करते हुए लेबर कोड बना दिए गए । कारपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए यह दोनों ही कदम पूरी तरह तानाशाही के तरीके से थोपे गए । लाखों किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे हैं । सर्दी -गर्मी -बारिश- बीमारी झेलते हुए 470 से अधिक किसान इस आंदोलन के दौरान अपनी सहादत दे चुके ।
    इस दौरान संविधान के अंतर्गत जनतांत्रिक अधिकारों , धर्मनिरपेक्षता, केंद्र व राज्यों के रिश्तों की जो मूल धारणाएं हैं उनकी धज्जियां उड़ाई गई हैं। पुलिस बल का दुरूपयोग शांतिपूर्ण किसानों को पीटने और झूठे केस बनाने को किया जा रहा है इलेक्टोरल बांड की अनैतिक योजना बनाकर भाजपा ने कारपोरेट घरानों से बेइंतहा धन बटोर लिया है। इसी के बल पर इन्होंने मध्य प्रदेश व कर्नाटक जैसे प्रांतों में चुनाव हारने के बावजूद विधायकों को खरीद कर भाजपा की सरकारें बना ली हैं। तानाशाही थोपने का आलम यह है कि कितने ही जाने-माने सामाजिक व मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को सालों से जेलों में डाला गया है । पत्रकारों तक को दंडित किया जा रहा है। लोकतंत्र के लिए ये 7 साल निश्चित रूप से इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में दर्ज होंगे। आज भाजपा / आर एस एस का असली चेहरा देश भर में बेनकाब हो चुका है . इसलिए सभी तबकों को एकजुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष में उतरना होगा 26 मई को काला दिवस के तौर पर मनाने के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को राष्ट्रीय जनता दल खुलकर समर्थन दिया है .सभा को राजद के प्रखंड अध्यक्ष डॉ धनबीर यादव, डॉ मधुसूदन यादव, रामानंद बनैता, समीर कुमार भिंडवार,किसान प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष कृष्ण देव प्रसाद,बंदना देवी, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, संभु राम, हरि यादव, सुशील कामत, राम चंद्र यादव, भोरिल मुखिया, कृष्णदेव यादव, सत्य नारायण यादव, किसान श्री दिनेश कुमार, पंचायत अध्यक्ष राजद राम चन्द्र यादव, प्रखंड अध्यक्ष , किसान प्रकोष्ठ भोरील मुखिया, रुद्र नारायण यादव,शिवनारायण यादव एवं अन्य ने भाग लिया।
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