अपराध के खबरें

चिराग अभी बुझा नहीं है, पांच सांसदों को किया बाहर

अनूप नारायण सिंह 

सत्ता सियासत राजनीति तीनों एक दूसरे के पर्यायवाची है विरासत एक नया पर्यायवाची बना है राजनीति में विरासत शब्द तेजी से समानांतर हो गया है इस विरासत के चक्रव्यू का शिकार भले चिराग पासवान हुए हो पर इसका कई नजारा देश दुनिया ने पहले भी देखा है किसी बड़े राजनेता के निधन के बाद उसकी विरासत संभालने वाले लोग उसके उस वर्चस्व को कायम नहीं रख पाते जो उसके पिता ने उसे विरासत में दी थी चिराग तो अभी नए है बिहार में कई सारे राजनीतिक परिवारों के उतराधिकारियों का यही हाल होने वाला है आने वाले समय में। राजनीति में आने वाला हर व्यक्ति पीएम और सीएम ही बनना चाहता है वह वर्षों तक भले ही किसी का झोला ढोए पर उसकी गिद्ध दृष्टि उस कुर्सी पर लगी होती है जिसे खाली होते ही किसी भी तरह से वह हथिया लेना चाहता है पशुपति पारस ने अपने भाई की विरासत पर धावा बोलकर कुछ बड़ा उलटफेर नहीं किया है यह तो सदियों से होता आया है यहां कुछ भी नया नहीं है अब वक्त तय करेगा कि चिराग निखरते हैं या बिखरते हैं। लेकिन चिराग के करीबी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने बैठक में लिये गए फैसले के बारे में मीडिया को बागी सांसदों को लोजपा से निकाले जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बागी सांसदों की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी खत्म कर दी गई है। बैठक में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में अगले साल यूपी, गोवा, उत्तराखंड व पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव लडऩे की भी फैसला लिया गया।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live