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बिहार में लाखों शिक्षकों की नौकरी पर अब भी खतरा बरकरार, इन कारणों से गिर सकती है गाज

संवाद

मिथिला हिन्दी न्यूज :-निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच के दायरे में आनेवाले एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर 17 जुलाई तक शैक्षणिक, अनुभव और प्रशिक्षण संबंधी दस्तावेज अपलोड करने होंगे़ दस्तावेज उपलब्ध कराने का यह अंतिम मौका होगा़ शिक्षा विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है़। 17 जुलाई से पहले शिक्षकों ने पोर्टल पर अपने दस्तावेज अपलोड नहीं किए तो उनकी नौकरी को फर्जी मानते हुए उन्हें हटा दिया जाएगा और इसके साथ ही अभी तक नौकरी के दौरान जितना वेतन पाया है उसकी भी रिकवरी की जाएगी. शिक्षा विभाग की तरफ से विकसित पोर्टल एनआइसी की वेवसाइट पर है़ जानकारी के मुताबिक, ये वे शिक्षक हैं, जिनका नियोजन पंचायती राज और नगर निकायों की ओर से वर्ष 2006 से 2015 के दौरान किया गया था़ बाद में एक मामले में हाइकोर्ट ने करीब तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया. इनमें से 93000 शिक्षकों ने  अधिक दस्तावेज जांच के लिए निगरानी को अब तक नहीं सौंपे हैं.
आपको बता दें वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियुक्त तीन लाख 53 हजार 017 नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच पांच साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है अभी तक करीब 1572 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.

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