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कब समाप्त होगा राजिव प्रताप रूडी का अज्ञातवास

संवाद 

मिथिला हिन्दी न्यूज :- भाजपा के युवा तुर्क के नेताओं में शुमार सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी किस गुनाह की सजा भुगत रहे हैं यह ना तो उन्हें पता है और ना ही उनके चाहने वाले समर्थकों को जब कभी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होता है पूरे सारण प्रमंडल में यह बात लोगों के जेहन में आने लगती है कि शायद इस बार कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में राजीव प्रताप रूडी भी शपथ ग्रहण करें पर हर बार पार्टी के द्वारा उन्हें नजरअंदाज ही कर दिया जाता है बावजूद इसके राजीव प्रताप रूडी पहले से ज्यादा प्रखर हो गए हैं और क्षेत्र के लोगों के बीच लोकप्रिय भी लगातार सारण के लोगों से कनेक्ट रहते हैं।बिहारके छपरा में 30 मार्च, 1962 को जन्में रूडी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पटना के सेंट माइकल्स हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह आगेकी पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आ गए और पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। अर्थशास्त्रमें मास्टर डिग्री करने के बाद उन्होंने बिहार के मगध विश्वविद्यालयमें प्रवक्ता की नौकरी शुरू की। उन्होंने वकालत (एलएलबी) की भी पढ़ाई की है।रूडीने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथकी। 1990 में उन्होंने जनता दल के ही टिकट पर बिहार के तरैयाविधानसभा से सीट से विधायक चुना गया। बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया औरबीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी के अगुवाईवाली एनडीए की सरकार में 1999 में वह दूसरी बार सांसदचुने गए। वाजपेयी की सरकार में ही उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के राज्यमंत्री का कार्यभार सौंपा गया। बाद उन्हें उड्डयन मंत्रालय में काम करने का मौका मिला। सत्ता परिवर्तन हुआ और फिर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आ गई। साल 2010 में रूडी को बिहार से राज्यसभा सांसद चुना गया और 2014 में हुएलोकसभा चुनाव में उन्होंने राबड़ी देवी को हराकर एक बार फिर से सांसद बन गए। रूडीका राजनैतिक करियर बहुत ही शानदार रहा है। उन्होंने अपने 25 साल केलंबे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और उसे बखूबी निभाया भी।2014 के चुनावों में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी को हराया और बिहार में सारण निर्वाचन क्षेत्र के सांसद बने। वे अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे। वे नरेंद्र मोदी की सरकार में कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे, लेकिन बाद में 2017 में कैबिनेट फेरबदल में उन्हें पद से हटा दिया गया। उन्हें तीन बार लोकसभा के लिए चुना गया और वर्तमान में वे सारण के सांसद के रूप में कार्य कर रहे हैं। दिसंबर 2018 में उन्हें पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। महाराष्ट्र के प्रभारी के रूप में उन्होंने ऐसा कार्य किया कि भाजपा शिवसेना से अलग अपने पैरों पर खड़ी ही नहीं हुई बल्कि महाराष्ट्र में सरकार भी बनाने में सफल हुई। पर बिहार का यह चमकता सितारा साजिशों का शिकार हो गया वह भी अपने लोगों के द्वारा। सारण की जनता बिहार की जनता और उसके लाखों चाहने वाले जानना चाहते हैं कि आखिर साफ-सुथरी प्रगतिशील छवि वाले इस नेता को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान क्यों नहीं मिल पा रहा है।वे कौन लोग हैं जो राजीव प्रताप रूडी के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं। जिस व्यक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होकर देश के विकास का वाहक बनना था वह एक सांसद के रूप में अपने संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित होकर क्यों रह गया है।

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