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पुण्यतिथि : अटल बिहारी वाजपेयी को था मिथिला से खास लगाव था मैथिली को अष्टम अनुसूची में जगह देने का फैसला लिया था

रोहित कुमार सोनू

अटल जी हमेशा मिथिलावासियों के दिल में रहेंगे। पुण्यतिथि पर आपको विनम्र श्रद्धांजलि

मिथिला हिन्दी न्यूज :-देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी आज पुण्यतिथवा है  प्रधानमंत्री रहते हुए देश की सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए अनेक कदम उठाए गए थे. उनकी ही सरकार ने देश को स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की सौगात दी थी. उन्होंने  इस योजना ने दो भाग में बंट चुके मिथिलांचल को एक करने का काम किया था। मिथिला को उनकी देन के लिए भी है याद रखेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए जून 2003 में न केवल निर्मली में कोसी पर रेल-सह-रोड पुल का शिलान्यास कर दशकों से दो खंडों में विभाजित मिथिला को जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया था, बल्कि उसी मंच से मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह देने का वचन भी दिया था। विश्व में करीब आठ करोड़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली, सर्वाधिक समृद्ध, शालीन एवं मिठास भरी लोकभाषा मैथिली को उसी वर्ष दिसंबर में विशेष संशोधन के जरिये संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया गया था। वरना, मिथिलावासियों द्वारा 1950 के दशक से ही की जा रही इन प्रमुख मांगों को बिहार की 1980 और 1990 के दशकों की सरकारों ने पूरी तरह कुंद कर दिया था।एक समय ऐसा भी था देश रत्न वाजपेयी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा था कि वे विद्यापति की रचनाएं पढ़ चुके हैं। वह भाषा से बेहद प्रभावित हैं। भाषा को उसका उचित स्थान मिलना ही चाहिए। वर्ष 1975 मे पटना के इंडियन नेशन प्रेस से प्रकाशित साप्ताहिक मिथिला मिहिर में देश रत्न वाजपेयी का आर्टिकल छपा था। आर्टिकल में उन्होंने कहा था कि वे विद्यापति की रचनाओं को पढ़कर मैथिल भाषा से बेहद प्रभावित हैं।

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