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सावन सोमवार और चंद्रमा का है खास कनेक्शन जानें

पंकज झा शास्त्री
दक्ष स्वभाव से ही क्रोधी प्रवृत्ति के थे और उन्होंने क्रोध में आकर चंद्र को श्राप दिया कि तुम क्षय रोग से ग्रस्त हो जाओगे। शनै:-शनै: चंद्र क्षय रोग से ग्रसित होने लगे और उनकी कलाएं क्षीण होना प्रारंभ हो गईं। नारदजी ने उन्हें मृत्युंजय भगवान आशुतोष की आराधना करने को कहा, तत्पश्चात उन्होंंने भगवान आशुतोष की आराधना की। 
 
चंद्र अंतिम सांसें गिन रहे थे (चंद्र की अंतिम एकधारी) कि भगवान शंकर ने प्रदोषकाल में चंद्र को पुनर्जीवन का वरदान देकर उसे अपने मस्तक पर धारण कर लिया अर्थात चंद्र मृत्युतुल्य होते हुए भी मृत्यु को प्राप्त नहीं हुए। पुन: धीरे-धीरे चंद्र स्वस्थ होने लगे और पूर्णमासी पर पूर्ण चंद्र के रूप में प्रकट हुए। 
 
चंद्र क्षय रोग से पीड़ित होकर मृत्युतुल्य कष्टों को भोग रहे थे। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें पुन:जीवन प्रदान किया अत: हमें उस शिव की आराधना करनी चाहिए जिन्होंने मृत्यु को पहुंचे हुए चंद्र को मस्तक पर धारण किया था।
चंद्रमा को सुख-शांति का कारक माना जाता है, लेकिन यही चंद्रमा जब उग्र रूप धारण कर लें तो चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस पूरे महीने भर में चंद्र देव के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है।

अगर कुंडली में चंद्रमा छठे, 8वें या 12वें भाव में हो। अगर चंद्रमा नीच स्थिति में हो या चंद्रमा राहु-केतु अक्ष पर स्थिति हो या पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो उसे कमजोर माना जाता है। इसके अलावा अगर कुंडली में चंद्रमा पक्ष बल के लिहाज से कमजोर है यानी कृष्ण पक्ष की अष्टमी से शुक्ल पक्ष की सप्तमी के बीच जन्म हुआ है तो आपके लिए इस महीने में चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए पूजा अर्चना खासी फायदेमंद हो सकती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी से शुक्ल पक्ष की सप्तमी के बीच का जन्म हो तो चंद्रमा को पक्ष बल के लिहाज से मजबूत माना जाता है।
भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा अर्चना करें, शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
महिलाओं का सम्मान करें और प्रति दिन माता के पैर छूएं।
चावल, सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, सफेद फूल, चीनी, दही और मोती दान करना चाहिए।
ओम् सोम सोमाय नमः का 108 बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है।
सोमवार का व्रत रखें। सोमवार को खीर बनाकर गरीबों में दान करें और सोमवार को
मीठा दूध नहीं पीना चाहिए।
सोमनाथ महादेव का पूजा जरुर करें शिव चालीसा पाठ करें।

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