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56वें राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, पत्रकारों ने रखा बातकार्यक्रम में "हु इज नॉट अफ्रेड ऑफ मीडिया" पर पत्रकारों ने की परिचर्चा




नवादा से आलोक वर्मा की रिपोर्ट
नवादा : मंगलवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में 56वें राष्ट्रीय प्रेस दिवस के शुभ अवसर पर सत्येंद्र प्रसाद डीपीआरओ , राम रतन सिंह रत्नाकर ,अशोक प्रियदर्शी ,सुनील कुमार ,मोहम्मद शमा आलम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किए। उद्घाटन के उपरांत सत्येंद्र प्रसाद डीपीआरओ ने सम्मान ,प्रेम ,सद्भाव स्वरूप गुलाब का फूल समस्त पत्रकारों को भेंट किए।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना हुई ।तत्पश्चात 16 नवंबर 1966 को यह विधिवत रूप से कार्य प्रारंभ किया। तब से यह लगातार प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय प्रेस दिवस में एक अध्यक्ष तथा 28 सदस्य होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसके अध्यक्ष नियुक्त होते हैं ।
इस अवसर पर डीपीआरओ ने कहा कि लोकतंत्र के सर्वांगीण विकास के लिए मीडिया मीडिया की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है ।आज परिचर्चा का विषय था "हु इज नॉट अफ्रेड ऑफ मीडिया" 
उन्होंने कहा कि मीडिया सूचना संप्रेषण का अति महत्वपूर्ण स्रोत है, जो सरकारी तंत्र तथा आम जनता के बीच सेतु के स्वरूप कार्य करता है ।मीडिया ने केवल सरकारी नीतियों एवं  संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार उपलब्धियों से आम जनता को परिचित कराता है, बल्कि उनकी समस्याओं से भी अवगत कराता है ।इन्हीं कार्यों और खूबियों के कारण मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ के रूप में परिभाषित किया गया है। कोविड-19 के कार्यकाल में भी मीडिया के द्वारा उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण कार्य करते हुए आम जनता को इससे बचने के लिए सशक्त किया । अपनी जान की परवाह ना करते हूं भी मीडिया बंधुओं ने कोविड-19  काल में भी समाचार संकलन बेहतर ढंग से किए।
सशक्त लोकतंत्र के लिए मीडिया की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो और मीडिया लोकतंत्र के विकास में प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन करें ।प्रेस तथा सशक्त लोकतंत्र एक दूसरे के पूरक हैं। प्रेस तथा सशक्त लोकतंत्र एक दूसरे के पूरक हैं एक की परिकल्पना एक दूसरे के बिना करना संभव नहीं है। कार्य क्षेत्र में तल्लीन होकर कार्य करने वाले व्यक्ति को मीडिया से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। जो व्यक्ति संविधान के दायरे में रहकर कार्य करेंगे उन्हें मीडिया से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। मीडिया समाज का दर्पण है जो घटित घटनाओं को हू बहू दिखाता है। विजय शंकर पाठक संगीत शिक्षक ने उद्घोषक का बेहतर ढंग से कार्य किए इस अवसर पर सिमरन कुमारी और सौम्या ने भी स्वागत गीत और संगीत के माध्यम से अधिकारियों और पत्रकारों को झूमने पर मजबूर कर दी ।
आज प्रेस दिवस के शुभ अवसर पर जिले के सबसे वयोवृद्ध पत्रकार राम रतन सिंह रत्नाकर जी को जिला जनसंपर्क अधिकारी के द्वारा बुके, शाल आदि देकर सम्मानित किया गया । राम रतन रत्नाकर, डॉ. पंकज सिंहा, अशोक प्रियदर्शी , सुनील कुमार , मनमोहन कृष्ण ,विशाल कुमार ,मोहम्मद अथर हुसैन, मोहम्मद साहब आलम, आलोक वर्मा ने परिचर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिए और  बेहतर ढंग से अपने बातों को रखें। आज किस दिवस के शुभ अवसर पर जिले के सभी सम्मानित प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा सोशल मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे। अंत में सभी सम्मानित पत्रकार बंधुओं को सधन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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