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पटना में मेयर का चुनाव स्थगित होने के बाद मैदान छोड़कर भागे सभी प्रत्याशी अकेले डटी हुई है माला सिन्हा

संवाद 
पटना। अगर सब कुछ सामान्य होता तो 20 अक्टूबर के दिन पटना के 17 लाख 25000 मतदाता 75 वार्डो में पटना के नए महिला मेयर के लिए वोट डालते। पर पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने फिलहाल चुनाव पर रोक लगा दी। पटना मेयर का चुनाव पूरे बिहार में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा की लड़ाई थी सबसे ज्यादा खर्चीला जब तक चुनाव रुका तब तक पटना में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा चुके थे ढाई दर्जन के करीब प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे। बैनर पोस्टर पदयात्रा डिजिटल प्रमोशन बोर्डिंग बैनर प्रचार वाहन मुहल्ला वार कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने तक पूरी तैयारी हो चुकी थी वोटर लिस्ट आ गए थे मतदाताओं को पर्ची भी बाटी जाने लगी थी। चुनाव स्थगित होने के कारण करोड़ों रुपया पानी में बह गया प्रत्याशियों के हौसले भी डगमगा गए घर-घर हाथ जोड़कर फुट मांगने वाली महिलाएं गायब हो गई पर एक प्रत्याशी जो पटना में अभी भी डटी हुई है उनका नाम है माला सिन्हा। माला सिन्हा की सक्रियता पुणे पटना नगर निगम क्षेत्र में बहुत ज्यादा बढ़ गई है एक तरफ पटना में डेंगू चरम पर है तो दूसरी तरफ अपने स्तर से माला सिन्हा फागिंग कराने से लेकर सफाई कराने लोगों के इलाज करवाने और प्लेटलेट्स तक की व्यवस्था में लगी हुई है। माला सिन्हा कहती है कि वह सिर्फ चुनावी नेता नहीं बनना चाहती वे पटना के घर घर की बेटी बहू है पटना ने उन्हें बहुत कुछ दे रखा है वार्ड 44 की वार्ड पार्षद है।लोगों के दबाव पर ही मेयर का चुनाव लड़ रहीं हैं चुनाव से ज्यादा जरूरी है इस संकट की घड़ी में पटना वासियों के साथ खड़ा रहना चाह कर भी लोगों से दूर नहीं जा सकती पटना के सभी 75 वार्ड के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट कराने से लेकर अन्य तमाम तरह की बुनियादी सुविधाएं उनके स्तर से प्रदान की जा रही है। माला सिन्हा ने कहा कि वे हवा हवाई घोषणा करने में विश्वास नहीं रखती एक वार्ड पार्षद के रूप में उन्हें मौका मिला तो उन्होंने अपने वार्ड को पटना का सर्वश्रेष्ठ वार्ड बना दिया अगर पटना की महान जनता उन्हें शहर की जिम्मेवारी सौंपी तो उनका काम बोलेगा। सरकार और जिला प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए माला सिन्हा ने कहा कि स्थिति बहुत ही ज्यादा भयावह सरकारी हॉस्पिटलों में जगह नहीं है निजी हॉस्पिटल लोगों का जमकर आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं सफाई व्यवस्था पूरे शहर में नही है। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुबह शाम फागिंग की व्यवस्था होनी चाहिए पर यह व्यवस्था वीआईपी इलाकों में ही हो रही है। माला सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पुनः बिहार के मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री राज्यपाल को पत्र लिखकर पटना को डेंगू महामारी से मुक्त कराने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की मांग की है।

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