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माता सीता ने पहली बार मुंगेर में की थी छठ पूजा, मां के पैर का चिह्न आज भी हैं मौजूद

संवाद
बिहार में लोक आस्था का महापर्व नहाय खाय के साथ महापर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है। व्रतियों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हिंदुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। किंवदंतियों का मानना ​​​​है कि बिहार में कई स्थानों का छठ त्योहार के साथ एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक जुड़ाव है, मुंगेर भी उन्हीं में से एक है।बिहार के मुंगेर में छठ पर्व का विशेष महत्व है। छठ पर्व से जुड़ी कई अनुश्रुतियां हैं लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता सीता ने सर्वप्रथम पहला छठ पूजन बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर संपन्न किया था। इसके बाद से महापर्व की शुरुआत हुई। इसके प्रमाण-स्वरूप आज भी माता सीता के चरण चिह्न मौजूद हैं।वाल्मीकी रामायण के अनुसार, ऐतिहासिक नगरी मुंगेर के सीता चरण में कभी मां सीता ने छह दिनों तक रह कर छठ पूजा की थी। श्री राम जब 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के आदेश पर राजसूय यज्ञ करने का फैसला लिया। इसके लिए मुग्दल ऋषि को आमंत्रण दिया गया था लेकिन मुग्दल ऋषि ने भगवान राम एवं सीता को अपने ही आश्रम में आने का आदेश दिया। 

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