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टीवी चैनलों पर 'हर दिन 30 मिनट' तक टेलीकास्ट होगा देश हित कंटेंट, 1 जनवरी से लागू होंगे नियम

संवाद 

अगले साल से भारत के टेलीविजन चैनलों के लिए हर दिन 30 मिनट तक ‘देशहित’ का कंटेंट टेलीकास्ट करना जरूरी होगा. ऐसी संभावना है कि सैटेलाइट टीवी चैनलों के लिए 1 जनवरी 2023 से यह जरूरी हो जाएगा कि वे हर दिन 30 मिनट तक राष्ट्रीय हित से जुड़े कंटेंट प्रसारित करें.

दरअसल इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में ‘सैटेलाइट टेलीविजन चैनल के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022′ को मंजूरी प्रदान की थी, जिसके तहत चैनलों के लिए रोजाना आधे घंटे तक देशहित से जुड़े कंटेंट को टेलीकास्ट करना अनिवार्य किया गया है.

सरकार ने 9 नवंबर को दिशानिर्देश जारी किया था. उस दिन पूरे देश में दिशानिर्देश के प्रभावी होने के बावजूद सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) के अधिकारियों ने यह कहा कि चैनलों को देशहित से जुड़ा कंटेंट तैयार करने के लिए वक्त दिया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि चैनलों और बाकी हितधारकों के साथ कई दौर की मीटिंग्स हुईं, जिसके बाद यह तय किया गया कि “30 मिनट देशहित का कंटेंट” वाले दिशानिर्देश को 1 जनवरी 2023 से लागू कर दिया जाएगा.

इन 8 थीम्स पर तैयार करना होगा कंटेंट

सूत्रों ने यह भी कहा कि इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों और हितधारकों के बीच एक और मीटिंग होने जा रही है. सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक, हर दिन 30 मिनट तक लोक सेवा और देशहित से जुड़ा कंटेंट टेलीकास्ट किया जाएगा. चैनलों को कंटेंट तैयार करने के लिए 8 थीम्स दी गई हैं. चैनलों को दी गईं थीम्स में शामिल हैं-

शिक्षा और साक्षरता का प्रसार
कृषि और ग्रामीण विकास
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
महिलाओं का कल्याण
समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण
पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
राष्ट्रीय एकीकरण.
क्या होंगे इसके फायदे?

दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सरकार समय-समय पर देशहित से जुड़े कंटेंट के प्रसारण के लिए चैनलों को सलाह जारी करती रहेगी और चैनल के लिए जरूरी होगा कि वे इसका पालन करें. सरकार के इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की इजाजत मिलने की उम्मीद है. सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है. अभी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में रजिस्टर्ड कुल 897 चैनल में से सिर्फ 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं.

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