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आजम खान को राहत नहीं, कोर्ट ने खारिज की याचिका

संवाद
उत्तर प्रदेश के रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक दुबे ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद खां की याचिका खारिज करते हुए उन्हें एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को बरकरार रखा है।आजम खान को 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य पर टिप्पणियों के आरोप में दोषी ठहराया गया था। रामपुर की एक अदालत ने नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में पिछले महीने आजम ख़ान को तीन साल कैद और 2000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। उनकी सजा के बाद यूपी विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने उनकी अयोग्यता और रामपुर सदर सीट के खाली होने की घोषणा की। इसको आज़म ख़ान ने चुनौती दी थी। चुनाव आयोग के जोरदार विरोध को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए राजपत्र अधिसूचना 11 नवंबर को या उसके बाद जारी की जा सकती है। यह आजम खान की दोषसिद्धि पर रोक की याचिका के परिणाम पर निर्भर करता है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने कहा कि विधायक को अयोग्यता से खुद को बचाने के लिए अपील के कानूनी उपाय का अवसर दिया जाना चाहिए था।आज़म ख़ान की ओर से चिदंबरम ने कहा कि 27 अक्टूबर को आजम खान को दोषी ठहराए जाने के अगले ही दिन राज्य विधानसभा ने उनकी सीट खाली घोषित कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई 'अभूतपूर्व' थी, यह कदम राजनीति से प्रेरित था।

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