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सूरजपुर में दहशत मचाने वाला बाघ कैसे हुआ पिंजरे में कैद, हमला कर दो लोगों की ले ली थी जान

 संवाद 
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में पिछले दिनों बाघ के हमले से घायल एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी.जबकि, एक दूसरे से इलाज के दौरान अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया.वहीं तीसरे युवक का जिला अस्पताल सूरजपुर में इलाज चल रहा है.

बता दें कि, बाघ ने जिस जगह पर युवकों पर हमला किया था, वह जगह जिले के प्रसिद्ध कुदरगढ़ देवी धाम के नजदीक ही था और कुदरगढ़ में नवरात्र में मेले का आयोजन किया गया है. जहां हर दिन प्रदेशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

ऐसे में कुदरगढ़ के नजदीक बाघ का विचरण करना मेला घूमने वालों के लिए भी खतरा बना हुआ था. वहीं आज सीसीएफ, वन विभाग की टीम ने बाघ का सफल रेस्क्यू कर लिया है.

बताया गया कि बाघ ने जब जंगल गए युवकों पर हमला किया था, तब संघर्ष के दौरान युवकों ने उसपर कुल्हाड़ी से हमला किया था, जिससे बाघ घायल हो गया था.

हालांकि बाघ के पकड़े जाने के बाद कुदरगढ़ इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है, इलाके में बाघ के विचरण को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में स्कूलों की छुट्टी भी कर दी गई थी.

बता दें कि बाघ के घायल होने की वजह से कुदरगढ़ मेला में भी खतरा बना हुआ था, क्योंकि चोटिल जानवर ज्यादा एग्रेसिव होते हैं. कुदरगढ़ देवी धाम में इन दिनों हर रोज हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. नवरात्र के मौके पर दूर-दूर से लोग पूजा अर्चना करने और मेला घूमने के लिए कुदरगढ़ आ रहे हैं. ऐसे में बाघ के इलाके में विचरण करने से जिला प्रशासन ने 26 मार्च से आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव के संध्या कार्यक्रम को रद्द कर दिया था.

आज घायल बाघ का रेस्क्यू करने के लिए कुमकी हाथी और जेसीबी मशीन की मदद ली गई और इन्हीं का उपयोग कर बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया.

पहले बाघ को ट्रेंकुलाइज किया, जिससे बाघ बेहोश हुआ फिर उसे उस जगह से निकाल लिया गया.जहां से कल तक घायल बाघ का तस्वीर भी लेना मुश्किल था.

बाघ का रेस्क्यू करने के बाद उसे सुरक्षित तरीके से पिंजरे में रखकर ले जाया जा रहा है.फिलहाल, बाघ का रेस्क्यू करने के बाद वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली है तो वही जिस क्षेत्र में यह घायल बाघ घुसकर बैठा था.उन सभी क्षेत्रवासियों ने भी खतरा टलने पर वन विभाग की सराहना की है.

सरगुजा रेंज सीसीएफ नावेद शुजाउद्दीन ने बताया कि बाघ जंगल के बहुत अंदर बैठा हुआ था.सोमवार को कुमकी हाथी के नहीं पहुंच पाने के कारण उसका रेस्क्यू नहीं हो सका था.हाथी की मदद से मंगलवार सुबह बाघ का रेस्क्यू किया गया.

सीसीएफ ने बताया कि बाघ के सर पर चोट के निशान मौजूद थे, जिसे प्राथमिक उपचार देने बाद में ले जाया जाएगा. बता दें कि कुदरगढ़ इलाके में दहशत मचाने वाला बाघ पिंजरे में कैद है. वन विभाग ने कुमकी हाथी में बैठकर सर्च किया था.

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