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चंपारण के लाल ने किया कमाल, यूपीएससी में दूसरे प्रयत्न में 104वां रैंक किया प्राप्त

संवाद 


चंपारण के लाल ने यूपीएससी में कमाल कर दिया है. यूपीएससी के परिणाम से पूर्वी चंपारण जिले में खुशी का माहौल है. जिले के पताही के रहने वाले अजय कुमार सिंह उर्फ श्याम बाबू सिंह के बेटे वैभव प्रिय ने यूपीएसपी की परीक्षा में 104वां स्थान प्राप्त किया. बचपन से मेधावी वैभव ने दसवीं की पढ़ाई मसूरी स्थित ओकग्रोव स्कूल से की है. डीएवी श्यामली रांची से बारहवीं पास कर वैभव ने एमएनआईटी इलाहाबाद से बीटेक किया.

वैभव ने साल 2021 में 66वीं बीपीएसपी परीक्षा में डीएसपी की परीक्षा क्वालीफाई की थी

 और इसी साल यूपीएससी का नतीजा आया, लेकिन अपने रैंक से वैभव प्रिय प्रसन्न नहीं थे. बावजूद इसके वे वर्तमान में इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विस में असिटेंट डायरेक्टर के पद पर प्रोबेसनर के रूप में पदस्थापित हैं. वैभव के पिता अजय कुमार सिंह उर्फ श्यामबाबू सिंह रेलवे के सीनियर पर्सनल ऑफिसर के पद से रिटायर हुए हैं. वैभव की माता रंजू सिंह गृहिणी हैं. वैभव प्रिय के पिता अजय सिंह ने बताया कि उनके तीन संतान हैं. दो बेटी और एक बेटा है. वैभव सबसे छोटा है. वह बचपन से मेधावी रहा है. वैभव ने पहले प्रयत्न में भी यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी प्राप्त की थी लेकिन वह अपने रैंक से प्रसन्न नहीं था. इसलिए उसने आईआईएस के प्रोबेसनर के बावजूद अपनी तैयारी जारी रखी और दूसरे प्रयत्न में 104वां रैंक हासिल किया है. बीटेक करने के बाद उसका कैंपस सेलेक्शन हुआ था, लेकिन उसका मन सिविल सेवा में लगा हुआ था और इसलिए उसने सिविल सेवा की तैयारी प्रारंभ कर दी. वैभव प्रिय की दोनों बहनें भी पढ़ने में मेधावी रही हैं. बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और वह एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया में मैनेजर हैं और पटना में तैनात हैं, जबकि बड़ी बहन के पति ओएनजीसी में एक्सक्यूटिव इंजीनियर हैं. वहीं छोटी बहन अमेरिकन एक्सप्रेस में प्रोजेक्ट मैनेजर है. मंगलवार को यूपीएससी का नतीजा आने के बाद वैभव प्रिय के घर में खुशी का माहौल था. मिठाइयां बांटी गईं. सभी एक दूसरे को मिठाई खिला रहे थे. गांव के लोग भी वैभव की कामयाबी को लेकर काफी ज्यादा प्रसन्न हैं और इनके घर पर खुशियां बांटने आए. बधाई देने वालों का इनके घर पर तांता लग गया. 

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