अपराध के खबरें

क्या है साहिबगंज विधायक पर लगे अपहरण के आरोप का सच ?

अनूप नारायण सिंह 

बिहार में राजद नेता का अपहरण हुआ और उसने खुद अपहरणकर्ता के आवास से पुलिस को फोन करके बताया कि उसका अपहरण हो गया है और जान से मारने की नीयत से अपहरण कर्ता उसे अपने कोल्ड स्टोर पर रखा हुआ है मामला साहिबगंज से भाजपा विधायक राजू कुमार सिंह और राजद नेता तुलसी राय के बीच के मामले को लेकर है जिसमें पुलिस एक तरफा कार्रवाई के तहत भाजपा विधायक राजू सिंह के साहेबगंज मुजफ्फरपुर और पटना आवास पर छापेमारी कर चुकी है । सुनियोजित राजनीतिक साजिश के तहत इस पूरे मामले की स्क्रिप्ट तैयार की गई है तुलसी राय पर पहले से डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले मुजफ्फरपुर साहेबगंज और विभिन्न थाना क्षेत्रों में लंबित है राजनीति में आने से पहले तुलसी राय नाच गिरोह चलाया करता था बाद में नक्सलियों के संपर्क में आने के बाद लेवी वसूलने का काम प्रारंभ कर दिया पुलिस फाइलों में तुलसी राय एक वांटेड अपराधी है जिसकी अदावत पिछले कई वर्षों से साहिबगंज से भाजपा विधायक राजू सिंह से चल रही है इस अदावत में दर्जन भर के करीब राजू सिंह के समर्थकों की हत्या भी हो चुकी है जिसका आरोप तुलसी राय पर लगा है। तुलसी राय के ही साजिश के तहत राजू सिंह के घर पर नक्सलियों द्वारा हमला किया गया था। बिहार में राजद गठबंधन की सरकार बनने के बाद से तुलसीदास पूरे इलाके में अपने वर्चस्व को लेकर विधायक से ऐसी अदावत की तलाश में था एक शादी समारोह में सामने से गाड़ी हटाने के विवाद से शुरू हुआ विवाद अपहरण के मामले पर जाकर रुक गया। तुलसी राय ने खुद फोन करके पुलिस को अपने अपहरण होने की जानकारी दी आम तौर पर अपहरण जिस व्यक्ति का होता है वह पुलिस को फोन नहीं करता बल्कि अपहरण करने वाला व्यक्ति फिरौती या अन्य डिमांड को लेकर उसके परिजनों को फोन करता है या अपने आप में एक अनूठा मामला है वर्चस्व की लड़ाई को अपहरण का मोड़ देकर राजनीतिक साजिश के तहत राजू सिंह और उनके कुनबे को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। पटना में बैठे सोशल मीडिया के 4 आकाओं को माल खिलाया गया है कि दिनभर बैठकर राजू सिंह की छवि को धूमिल करना है। विधायक और राजद नेता के बीच हुए विवाद में पुलिस एकतरफा कार्रवाई करके अपनी छवि को पहले ही धूमिल कर चुकी है राजू सिंह के समर्थक इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं जो मौजूदा महा गठबंधन सरकार में संभव होता नहीं दिख रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार तुलसी राय ने पूरे साहिबगंज के दियारा इलाके में बरसों पहले आतंक मचा रखा था बहू बेटियों की इज्ज़त और आबरू की रक्षा के लिए दियारा इलाके के लोगों ने धीरे-धीरे अपना घर बार छोड़कर शहरी इलाकों में बसना शुरू कर दिया इसी दौर में राजू सिंह का पदार्पण इस इलाके में हुआ और लोगों में आशा की किरण जगी अन्याय के खिलाफ राजू सिंह ने आवाज उठाई और उसी का परिणाम था कि तुलसी राय का मंसूबा पूरा नहीं हो सका उसी से बौखलाए तुलसी राय ने नक्सलियों से सांठगांठ करके समय-समय पर राजू सिंह और उनके कुनबे को कमजोर करने की कोशिश की।

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