गांव की महिलाएं पीड़ित परिवार को संभालते दिखीं.
परिवार का कोई सदस्य बोलने की स्थिति में नहीं था. पीड़ित परिवार ने सरकार और जिला प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई है. अंतिम दर्शन के बाद गांव के लोग सारे शव को लेकर दाह संस्कार के लिए चले गए.शव आने के बाद मृतक मंजेश की गर्भवती पत्नी सुमित्रा देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं उसका तीन वर्षीय बेटा आयुष लोगों को निहार रहा था कि आखिर सब लोग रो क्यों रहे हैं. सुनील कुमार दास की गर्भवती पत्नी रजनी कुमारी रोते हुए बार-बार बेहोश हो जा रही थी जबकि 2 वर्षीय बेटा आयुष दूसरे की गोद में चुपचाप खामोश बैठा था.कारी की पत्नी रूपम देवी बार-बार अपने पति को लाने की मांग करते हुए रो रही थी जबकि बेटी अंशु, राधा, अंजलि, बेटा अंकुश एक टक सभी को निहार रहे थे. बताया जाता है कि मृतक रुपेश की शादी 4 महीने पहले ही हुई थी. उसकी पत्नी अंजलि का भी रो-रोकर बुरा हाल था. सभी जगहों पर महिलाएं एक-दूसरे को सांत्वना देते हुए खुद भी रो रही थीं.बता दें कि ठाणे की रुनवाल नाम की नव निर्माणाधीन 40 मंजिला इमारत में रिनोवेशन का कार्य चल रहा था. इस बहुमंजिला इमारत की छत पर भी वाटर प्रूफिंग का कार्य चल रहा था. इमारत में कार्य करने वाले सभी मजदूर कार्य समाप्त कर नीचे जा रहे थे. इसी क्रम में लिफ्ट धड़ाम से नीचे गिर गई और यह वारदात हो गई.