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'खेत ठाकुर का, बैल ठाकुर का…', वो कविता जिससे बिहार में मच गया हंगामा, प्रशांत किशोर ने बता दी पीछे की पूरी कहानी


संवाद 

आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने हाल ही में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पर कहते हुए उन्होंने एक ऐसी कविता सुना दी जिस पर बिहार में सियासी हंगामा मच गया है. आरजेडी के विधायक चेतन आनंद (Chetan Anand) ने तो मोर्चा खोला ही साथ में बीजेपी के अलावा जेडीयू के भी नेताओं ने विरोध किया है. इन सबके बीच जानिए कि राजनीतिक जानकार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इसको कैसे देखते हैं.प्रशांत किशोर ने बोला कि ये कैसे मुमकिन है कि उनका मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को मालूम नहीं है? आपको लगता है कि आरजेडी में कोई मंत्री बार-बार बयान दे देगा और पता नहीं चलेगा.

 सुधाकर सिंह ने बयान दिय तो कितने दिन मंत्रालय में रहे? 

वो जगदानंद सिंह के लड़के हैं, इसके बावजूद उनको पद छोड़ना पड़ा. ये दलगत मामला है, ये दल वाले ही उनसे कहलवाते हैं और जहां तक उस विषय को बोलना चाहिए कि नहीं तो कोई भी आदमी बता सकता है कि भाई आप उल-जुलूल अनर्गल बात पार्टी के बोलने पर, पार्टी के नेताओं के बोलने पर कहें.पीके ने बोला कि ये सब पार्टी वाले कराते हैं कि आप बयान दीजिए ताकि समाज में विद्वेष बढ़े, आपस में मारपीट हो, आपस में झगड़ा-लड़ाई हो, वाद-विवाद हो, पत्रकार भी उसी में पड़ जाए. मूल विषय जो है, पढ़ाई का, विकास का, रोजगार का, वो चला जाए हाशिए पर. तो अपने नेताओं को, अपने मंत्रियों को भी राय देनी चाहिए, सबसे पहले खुद मानना चाहिए, फिर भी उन पर कार्रवाई नहीं होती है.पीके ने बोला कि मीडिया को खुशी होनी चाहिए कि भाई चलो अब लालू के लड़के सकारात्मक सियासत करने की बात कर रहे हैं. कर तो सकते नहीं हैं, लेकिन बात तो कर रहे हैं इसलिए मैं उनका स्वागत करता हूं. नए लड़के हैं अगर इनकी समझ में आए कि सियासत सकारात्मक होनी चाहिए तो ये अच्छी बात है.

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