आनंद मोहन ने बोला कि नीतीश कुमार ने जो गति दी थी विपक्षी एकत्व की मुहिम को, जो ताकत दी थी, जिस लगन और निष्ठा से निरंतर मीटिंग की थी, देश का दौरा किया था वो थम सा गया है. इसमें ठहराव आ गया है. ये जिम्मेदारी जो सबसे बड़ी पार्टी है विपक्ष की उसकी होती है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बोला कि अगर वो इस बात पर लगे हों कि 5 राज्यों में हमारे हिस्से में कुछ प्रांत आ जाएंगे तब इस मुहिम को अपने लिए करेंगे ये अपने लिए हो सकता है.
ये राष्ट्र के लिए नहीं हो सकता है और ना ही विपक्ष के लिए हो सकता है.
पूर्व सांसद ने यह भी बोला, "मैं नीतीश कुमार की मुहिम और उनके प्रयासों की सराहना करता हूं. ये मैं मानता हूं कि जिस व्यक्ति ने इस विपक्ष की एकत्व को इंडिया गठबंधन तक लाया उसको नकार करके आगे का रास्ता तय नहीं किया जा सकता है. पूरे मन से एक सुलझा हुआ व्यक्ति निकला था. अगर ये ठहर सा गया या थम सा गया तो ये दोष विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का है. उन्होंने ये भी बोला कि समय के रहते इस मुहिम को फिर से आगे बढ़ाना चाहिए."आनंद मोहन ने गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बोला कि वो राजनीतिक पर्यटन करने आए हैं. बिहार एक अच्छा पर्यटन स्थल है. वो बार-बार आते हैं राजनीतिक पर्यटन करने के लिए तो अच्छी बात है. हासिल क्या होगा वह वक्त बताएगा.