सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सोमवार को छठ का त्योहार समाप्त हो गया है। दो दिन से चल रहे है इस त्योहार को लेकर देशभर में काफी धूम थी। वर्ती महिलाओं ने उगते सुर्य को अर्घ्य दिया।बिहार-झारखंड समेत पूरे देश में घाट पर छठ पूजा के तीसरे दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। दिल्ली एनसीआर के व्रती घाट पर अपने परिवार के साथ पहुंचे और पूजा अर्चना की।पहले दिन को नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है जिसमें व्रती लोग स्नान के बाद पारंपरिक पकवान तैयार करते हैं। दूसरे दिन को खरना कहा जाता है, जब श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं, जो सूर्य अस्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। उसके बाद वे मिट्टी के बने चूल्हे पर खीर और रोटी बनाते है, जिसे बाद में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है। इस त्योहार में श्रद्धालु तीसरे दिन डूबते सूर्य को और चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं। जिसके साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है।सोमवार को व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य दिया। हजारों की संख्या में महिलाओं ने घुटने तक पानी में खड़े होकर पूजा-अर्चना की। पूजन के दौरान संपूर्ण वातावरण छठ मइया एवं सूर्यदेव की जय-जयकार से गुंजायमान रहा। छठ पर रविवार को लाखों व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया था।