आप समझ जाइए क्या स्थिति है?
मुख्यमंत्री इतना कमजोर क्यों हो गए हैं?नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि बिहार में 47 डिग्री टेंपेरेचर है. इस हिसाब से जो छोटे बच्चे हैं उनके रिलैक्सेशन का ध्यान लोगों को देना चाहिए. यह तो कोई भी एडवाइस करता है. डॉक्टर भी बोलते हैं. बिहार के स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चरउस उस हिसाब का नहीं है, ताकि बच्चे स्कूल जाएंगे तो सुरक्षित रहेंगे. वह भी देखने वाली बात है. इस हालत में मुख्यमंत्री तो कुछ नहीं कर पा रहे हैं. साफ दिख रहा है मुख्यमंत्री को लोगों ने घेर रखा है और उनके हाथ में कुछ नहीं है.बता दें कि सरकारी संचालित सभी प्राइमरी स्कूल, मध्य विद्यालय और हाई स्कूल का अभी सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 तक की पढ़ाई की टाइमिंग है. जबकि डेढ़ बजे तक शिक्षक को रहना है. इस डेढ़ घंटे में शिक्षकों को मध्य विद्यालय से नीचे वाले स्कूलों में कमजोर बच्चों को पढ़ाने की अनिवार्यता है. जबकि हाई स्कूल में खास क्लास लेने की अनिवार्यता की गई है. बिहार सरकार ने स्कूल में गर्मी की छुट्टी 15 अप्रैल से 15 मई तक की थी, लेकिन अब जब भयंकर गर्मी होने लगी है तो छुट्टी नहीं मिली है. वहीं, स्कूल की टाइमिंग को लेकर केके पाठक पहले भी विवाद में रह चुके हैं. इस पर विधानसभा में जमकर बवाल भी हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया था कि स्कूल की टाइमिंग में परिवर्तन करने के लिए, लेकिन केके पाठक अपने जिद्द पर अड़े रहे और इस जिद्द में वह अब भयंकर गर्मी में भी स्कूल का संचालन करवा रहे हैं. अब इस पर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है.