गजेंद्र यादव ने बताया कि उनके समधी ने छातापुर थाना में अपने पुत्र के अपहरण की प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी.
प्राथमिकी के बाद वे मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे. कांड के अनुसंधान और अपहृत की सकुशल बरामदगी को लेकर पुलिस भी सुस्त बनी रही. बाद में वरीय अधिकारियों के आदेश पर पुलिस उद्भेदन को लेकर सक्रिय हुई.जांच के क्रम में नीतीश के पिता सहित उनके घर के चार मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध कराए गए. पुलिस ने जब सीडीआर निकाला तब सच्चाई सामने आ गई और घटना के मुख्य दोषी रमेश फौजी को गिरफ्तार किया गया, जबकि साजिश में संलिप्त नीतीश के पिता और उनके कई रिश्तेदार फरार हो गए हैं.मामले को लेकर त्रिवेणीगंज एसडीपीओ विपिन कुमार ने बताया, "इस मामले मे मृतक के पिता की लिखित शिकायत पर दिसंबर 2023 में छातापुर थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन अनुसंधान के क्रम में प्राप्त वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार मामले की गहन तफ्तीश की गई तो इस घटना में संलिप्त रमेश फौजी नाम के एक व्यक्ति को एक दिन पहले हिरासत में लिया गया. उसकी निशानदेही पर पूछताछ के क्रम में मृतक नीतीश का शव छातापुर थाना क्षेत्र के चकला पलार पर जेसीबी से खेत की खुदाई कर बरामद किया गया. जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है."विपिन कुमार ने बोला कि इस घटना के मुख्य साजिशकर्ता मृतक नीतीश के पिता ही निकले और उन्होंने ने अपने पुत्र नीतीश की कत्ल 1 लाख 60 हजार रुपये देकर सुपारी किलर से करवाई. फिलहाल मृतक का शव बरामद होने के बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है. फरार मुख्य दोषी मृतक नीतीश के पिता भूपेंद्र यादव को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.