तेजस्वी यादव ने बोला कि आप बिहार आए और यहां आकर आप ने बहुत ही झूठी,
आधारहीन और तथ्यहीन बातें कीं. आपसे अब उंचे विमर्श की अपेक्षा नहीं है. उन्होंने ये भी लिखा कि एक विशाल ह्रदय वाले देश के प्रधानमत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए, आप खुद ही सोचिए. आगे लिखा कि आपके चुनावी भाषणों का गिरता पैमाना ही आपकी राजनैतिक सोच का सही प्रतिबिम्ब है. आरजेडी नेता ने खत में ये भी लिखा कि जब हम बिहार में सरकार में आए तो हमने सरकार में आते ही राज्य के खर्चे पर जातिगत सर्वेक्षण कराया. आगे लिखा कि प्रधानमंत्री जी, हमने उस सर्वेक्षण के आलोक में आरक्षण का दायरा 75% तक बढ़ाया और आपसे बार-बार गुजारिश करते रहे और हाथ जोड़कर मांग करते रहे कि इसको संविधान की नौंवी अनुसूची में डालिए, लेकिन प्रधानमंत्री जी, मूलतः आप पिछड़ा और दलित विरोधी मानसिकता के हैं. कौन भूल सकता है कि 1990 में जब मंडल कमीशन लागू हुआ था, और वहीं बता दे कि तब मंडल कमीशन के विरोध में आप आडवाणी जी के साथ आरक्षण विरोधी रथ के सारथी थे. बहुजन दलित समुदाय कैसे भूल जाएं?.