बीच में लटकने का कोई उपाय नहीं है.
जन सुराज की बात अगर घर-घर पहुंच गई तो इतनी सीटें आएंगी कि कोई गिन नहीं पाएगा.उन्होंने बोला कि बिहार में सब प्रयास के बाद भी बिहार की जनता के दिमाग में जो काई लगी है और उसे हम साफ नहीं कर पाए तो 10 के नीचे ही सिमट जाएगी और इसके बाद दोबारा प्रयास करना पड़ेगा. बिहार में गठबंधन का कोई उपाय नहीं है. न चुनाव के पहले न चुनाव के बाद. जन सुराज से जुड़े लोगों से कोई पूछे तो उन्हें बताएं कि इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीट पर चुनाव लड़ेंगे. आपको बता दें कि 18 महीने की पदयात्रा करने के बाद प्रशांत किशोर ने अब जन सुराज पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बोलना है कि बिहार की 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी चाहती है कि यहां एक नई पार्टी बने. लोगों को नया विकल्प चाहिए. इसकी वजह वो ये बतातें है कि जनता पिछले 30 वर्ष के लालू, नीतीश और बीजेपी सरकार से परेशान हो गई है. लोगों के जीवन में कोई सुधार नहीं हो रहा है. कमाने के लिए लोग बाहर जा रहे हैं. शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक सभी क्षेत्र में भ्रष्टाचार है. बता दे कि इसलिए लोगों की मांग को देखते हुए वो 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी का गठन करेंगे.