उन्होंने मांग की कि किसानों को सिर्फ 8 घंटे बिजली दी जाती है.
शहरों की तरह किसानों के लिए अभी 22 घंटे बिजली मिलनी चाहिए. सरकार सिर्फ कागजो में बात करती है और लोकसभा चुनाव का जश्न मना रही है. किसानों के बारे में सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं और बोलना चाहते हैं कि जितना जल्द हो नहर में पानी छोड़ा जाए.आगामी 24 जून से लोकसभा के सत्र की शुरुआत होगी और निर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण होगा. इस पर सुधाकर सिंह ने बोला कि अभी तो इसके बारे में हमें लिखित रूप से खबर नहीं दी गई है. शपथ ग्रहण का कार्य है, लेकिन यह पता नहीं है कि सदन में क्या होगा. अगर अवसर मिला तो हम बिहार के किसानों की समस्या को अवश्य उठाएंगे. बताते चलें कि सुधाकर सिंह निरंतर किसानों की समस्या उठाते रहे हैं और सत्ता में रहकर भी सरकार को घेरने का कार्य करते रहे हैं.बता दें कि 2022 में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था, लेकिन किसानों की समस्या को लेकर वह आवाज उठाते रहे इस वजह से उन्हें कृषि मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. वो किसान नेता राकेश टिकैट से हमेशा संपर्क में रहे और बिहार के कई जिलों में जाकर किसान आंदोलन करते रहे. इसका फायदा उन्हें लोकसभा चुनाव में मिला है. अब चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर किसानों के मुद्दों को लेकर वह बिहार सरकार को घेरने में जुट गए है.