जेडीयू के नेताओं ने दावा किया है कि
उस वक्त लालू यादव के पास 24 सांसद थे संख्या बल मजबूत थी उसके बावजूद लालू यादव स्पेशल स्टेट्स की मांग करने के बजाय गृह मंत्रालय के लिए अड़े हुए थे, हालांकि गृह मंत्रालय भी नहीं मिला और रेल मंत्री बनाया गया. जिसकी आड़ में वो अपने नाबालिग बच्चों के लिए धन अर्जित कर रहे थे. उन्हें बिहार के विकास की चिंता नहीं थी, सिर्फ अपने परिवार के विकास की चिंता थी. प्रवक्ता अंजुम आरा ने बोला कि यूपीए सरकार के फर्स्ट टर्म में बिहार के 12 मंत्री थे. इसके बावजूद बिहार से जुड़े कई अहम कार्य नहीं हुए. बिहार से जुड़े विकास के मुद्दों को जोरदार तरीके से नहीं उठाया गया. ना ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग की गई ना ही जातीय जनगणना करवाई गई. जेडीयू प्रवक्ता ने बोला कि वर्ष 2008 में अविश्वास प्रस्ताव के क्रम में लालू प्रसाद यादव ने यूपीए सरकार को गृह मंत्रालय के शर्त पर समर्थन दिया था, जबकि उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए थी. लालू यादव ने सिर्फ अपना स्वार्थ देखा बिहार के बारे में कोई बात नहीं की. आज ये लोग बिहार के विकास की बात करते हैं.