बिहार में लोग झमाझम वर्षा का इंतजार कर रहे हैं लेकिन फिलहाल इसके संकेत नहीं हैं. कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा की बात अगर छोड़ दें तो अभी आने वाले अगले पांच दिनों तक राज्य में मॉनसून कमजोर रहने वाला है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि पूरे भारत में मानसून की स्थिति ठीक है लेकिन सिर्फ बिहार में मॉनसून इस बार पूरी तरह कमजोर है. इसका मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन है. यह भी बोला है कि इस पर बिहार सरकार को अनुसंधान करने की आवश्यकता है.मौसम विभाग के अनुकूल अभी पूरे राज्य में कहीं भी सक्रिय रूप से बारिश या भारी बारिश की संभावना नहीं है. साथ ही टेंपेरेचर में भी कोई बदलाव नहीं होने वाला है. उमस भरी गर्मी रहेगी. आज बुधवार (31 जुलाई) को राज्य के पश्चिमी इलाके और उत्तर बिहार के उत्तर पूर्व एवं उत्तर मध्य के कुल 15 जिलों में हल्की या कहीं-कहीं मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है.इन जिलों में बक्सर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, सीवान, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, किशनगंज, सुपौल और अररिया सम्मिलित है.
अधिसंख्य जगहों पर हल्की बारिश तो एक-दो जगह पर मध्यम स्तर की बारिश दर्ज की जा सकती है.
हालांकि इन जिलों के टेंपेरेचर में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है.बीते मंगलवार को कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई. किशनगंज में 17 मिलीमीटर, सुपौल में 10, मधुबनी में 5, अररिया में 4.5, बांका में 3, शेखपुरा में 1, कटिहार में 0.8 और सीतामढ़ी में 0.5 मिलीमीटर के साथ बहुत हल्की बारिश हुई. मंगलवार को टेंपेरेचर में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ.सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को राजधानी पटना में 0.9 डिग्री की गिरावट के साथ अधिकतम टेंपेरेचर 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सबसे अधिक टेंपेरेचर सीतामढ़ी में 40.02 डिग्री सेल्सियस रहा. राज्य का औसत टेंपेरेचर 36 से 37 डिग्री के बीच रहा. किशनगंज में सबसे कम 33 डिग्री टेंपेरेचर दर्ज किया गया.