हालांकि आरसीपी सिंह जेडीयू से त्यागपत्र देकर दूर हो गए.
अब मनीष वर्मा की एंट्री हो रही है. क्या मनीष वर्मा अब आरसीपी सिंह की कमी को पूरा करेंगे? जेडीयू में मनीष वर्मा को लाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उद्देश्य क्या है?आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा में काफी कुछ सामान्य है. दोनों नीतीश कुमार के गृह जिले से हैं. दोनों आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा दोनों आईएएस अधिकारी रहे हैं. आरसीपी सिंह ने भी मनीष कुमार वर्मा की तरह वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी थी. वह जेडीयू में सम्मिलित हुए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बन गए थे. हालांकि बाद में अलग होना पड़ा.जेडीयू के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू में लाने का उद्देश्य है पार्टी के संगठन को मजबूत करना है. वह अपने स्तर से पूरी पार्टी के संगठन का कार्यभार देखेंगे और संगठन को मजबूत करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि अब जेडीयू का कार्यभार उनके हाथों में रहेगा. पार्टी के विस्तार के लिए कार्यकर्ताओं को वह दिशा-निर्देश देंगे.आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अभी कई महीने बाकी हैं, ऐसे में नीतीश कुमार मनीष कुमार वर्मा को बड़ी जिम्मेवारी देकर बड़ी पहचान देना चाहते हैं. बता दें कि कभी आरसीपी सिंह को भी पार्टी के पूरे संगठन का कार्यभार दिया गया था. उस समय भी जेडीयू की कमान उनके हाथों में थी. अब नीतीश कुमार ने फिर से कुछ वैसा ही विश्वास मनीष कुमार वर्मा पर किया है. अगर मनीष वर्मा खरे उतरे तो पार्टी में उन्हें बड़ी जगह मिलने का अनुमान है.