वह मुजफ्फरपुर में रहने की इच्छा भी जाहिर करते थे.
मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने बोला, "प्रथम दृष्टया यह खुदकुशी का मामला प्रतीत होता है. हालांकि, पुलिस ने किसी साजिश की आशंका को दूर करने और मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी है. लाश को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया गया है."इसके अलावा गुरुवार की सुबह सड़क किनारे खून के धब्बों के साथ एक युवक का शव मिला. घटना सदर थाना क्षेत्र के दिघरा मोहल्ले की है. इस मामले में एसडीपीओ टाउन-2 विनीता के नेतृत्व में पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर इसे सड़क हादसा बताया. वहीं स्थानीय लोगों को कत्ल का संदेह है. लाश को अस्पताल भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ होगा.तीसरी घटना मोतीपुर थाना क्षेत्र के मोरसंडी गांव की है. पुलिस को बूढ़ी गंडक नदी के किनारे एक व्यक्ति का शव मिला। हालांकि पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई है. स्थानीय लोगों को कत्ल की आशंका है. चौथी घटना साहिबगंज थाना क्षेत्र के तिरहुत तटबंध पर घटी जहां एक युवक का शव मिला. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को एसकेएमसीएच भेज दिया है.पांचवीं घटना सकरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिंघोन मिश्रौलिया गांव में हुई, जहां एक अधेड़ व्यक्ति को ट्रक से फेंक दिया गया. सड़क किनारे उसका शव मिला. पुलिस को संदेह है कि वह व्यक्ति कोई व्यवसायी हो सकता है. एसआई अविनाश कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. जिले के एसपी देहात विद्यासागर ने बोला, "सभी लाशों को एसकेएमसीएच में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. हम सभी घटनाओं की गहन जांच कर रहे हैं, मामले की जांच कई पहलुओं से की जाएगी."वहीं इस पूरे मामले में मुजफ्फरपुर के कांटी से आरजेडी के विधायक इसराइल मंसूरी ने सरकार पर आक्रमण बोला है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए बोला कि 48 घंटा के अंदर असम राज्य के व्यापारी सहित एक दर्जन से अधिक लाशें मिली हैं. यह कानून-व्यवस्था की पोल खोल रहा है. मुजफ्फरपुर जिला गुनाह का गढ़ बन चुका है. लाशों के आंकड़ों से लगता है कि एक प्रकार का नरसंहार है. बीजेपी-जेडीयू सहित एनडीए के नेता बताएं ये कौन सा राज है?