पत्रकारों से बात करते हुए रामकृपाल यादव ने एमवाई समीकरण पर निशाना साधा. बोला कि मनोरमा देवी यादव जी नहीं हैं?
यादव का मतलब सिर्फ सुरेंद्र यादव और लालू यादव है?
और कोई नहीं है क्या? लालू ने बोला कि हमने आवाज दी. उस समय हम भी थे. आवाज दे दी लेकिन खाना नहीं दिया. सम्मान भी तो नहीं दिया.
रामकृपाल यादव ने आगे बोला, "जब यादव समाज असहाय है, ठगा हुआ महसूस कर रहा है, तो मुस्लिम समाज भी ठगा महसूस कर रहा है. क्या मुस्लिम को विकास नहीं चाहिए? विकास, रोजी-रोटी, सड़क-पुल, पानी-बिजली सबको चाहिए. यह सरकार की पॉलिसी में है. जिस व्यक्ति को अपने क्षेत्र की सड़क के निर्माण के लिए फुर्सत नहीं है, अपना पैसा नहीं देना था, सरकार उसके लिए पहले से पॉलिसी बनाई है, उस पॉलिसी के अनुकूल सिर्फ पत्र लिखना है. जिसको अपने क्षेत्र के विकास के कार्य के लिए फुर्सत नहीं है तो जनता इसे कैसे बर्दाश्त करेगी."रामकृपाल यादव ने बोला कि बेलागंज में पहली बार यादव बनाम यादव हो रहा है. यहां कह रहे है घी गिरेगा तो दाल में ही गिरेगा. वही दाल मनोरमा देवी हैं जो ज्यादा कारगर साबित होंगी. जन सुराज क्या कर पाएगा इस पर रामकृपाल यादव ने बोला कि यह मुझे नहीं मालूम है, लेकिन मुस्लिम का भी बड़े पैमाने पर मनोरमा देवी को वोट मिलना है. जन सुराज के प्रत्याशी मो. अमजद और आरजेडी के प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह चुनाव प्रचार के क्रम में एक साथ बैठे दिखे थे इस पर उन्होंने बोला कि यह लोग बैठे रहें. इनके बैठने पर कोई ठगाने वाला नहीं है.